• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

शीतला अष्टमी कब है, जानें पूजा-विधि एवं भोग

Writer D by Writer D
17/03/2025
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
0
Sheetla Ashtami

Sheetla Ashtami

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

शीतला अष्टमी (Sheetla Ashtami) को बसौड़ा या बसोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। हर साल चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी होली के आठ दिन बाद शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा-आराधना करने का विधान है। माता शीतला के भक्तों के लिए यह पर्व बेहद ही खास होता है। धार्मिक मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। दृक पंचांग के अनुसार, मार्च 21, 2025 को शीतला सप्तमी व शनिवार के दिन मार्च 22, 2025 को शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। जानें मुहूर्त व पूजा-विधि-

शीतला अष्टमी (Sheetla Ashtami) पूजा शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि प्रारम्भ – मार्च 22, 2025 को 04:23 बजे

अष्टमी तिथि समाप्त – मार्च 23, 2025 को 05:23 बजे

शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त – 06:23 से 18:33

अवधि – 12 घण्टे 11 मिनट्स

मां शीतला पूजा-विधि:

बसिऔड़ा के दिन सुबह एक थाली में रबड़ी, रोटी, चावल, दही, चीनी, मूंग की दाल, चुटकी भर हल्दी, जल, रोली, मोली, चावल, दीपक, धूपबत्ती और दक्षिणा आदि सामग्री से मां शीतला का पूजन करना चाहिए। पूजन किया हुआ जल सबको आंखों से लगाना चाहिए। शीतलाष्टमी (Sheetla Ashtami) पर्व के मौके पर ठंडे पकवानों का भोग लगाने की परंपरा है। इस तरह से पूजा करने से सुख, समृद्धि एवं धन, वैभव और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।

भोग:

मां को मीठे चावलों का भोग लगाया जाएगा। शीतलाष्टमी (Sheetla Ashtami) के मौके पर ठंडे पकवानों का भोग लगाने की परंपरा है। इस दिन ठंडे पकवान खाए जाते हैं। इसी दिन से छाछ, दही का सेवन शुरू हो जाता है ताकि गर्मी के मौसम और लू से बचाव हो सके।

शीतला माता के पूजन के बाद उनके जल से आंखें धोई जाती है। यह हमारी संस्कृति में नेत्र सुरक्षा और खासतौर से गर्मियों में आंखों का ध्यान रखने की हिदायत का भी संकेत कहीं न कहीं देता है।

Tags: sheetla ashtami
Previous Post

डोर बेल लगवाते समय न करें ये गलतियां, हो जाएगा अनर्थ

Next Post

इस दिन होगा मां दुर्गा का आगमन, जानें कलश स्थापना का मुहूर्त

Writer D

Writer D

Related Posts

amla
फैशन/शैली

आंवले का अधिक सेवन से इन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा

23/08/2025
Abhinav Shah
Main Slider

मुख्य विकास अधिकारी ने सरकारी आधुनिक टीकाकरण केंद्र में कराया अपने बेटे का टीकाकरण

22/08/2025
CM Yogi reviewed the Urban Development Department
Main Slider

बेहतरीन नगरीय अवस्थापना का मानक बनेंगी जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाएँ: मुख्यमंत्री

22/08/2025
Industrialist Lord Swaraj Paul passes away
Business

नहीं रहे उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल, पीएम मोदी ने जताया गहरा शोक

22/08/2025
stray dogs
Main Slider

आवारा कुत्तों को ‘सुप्रीम राहत, पूरे देश के लिए कोर्ट ने दिया ये आदेश

22/08/2025
Next Post
Chaitra Navratri

इस दिन होगा मां दुर्गा का आगमन, जानें कलश स्थापना का मुहूर्त

यह भी पढ़ें

विश्व में कोरोना से 9.61 करोड़ लोग संक्रमित, 5.30 करोड़ मरीज रोगमुक्त

20/01/2021
SBI PO

SBI में पीओ भर्ती के रजिस्ट्रेशन शुरू, यहां करें अप्लाई

07/09/2023
corona vaccination in up

स्वास्थ्य मंत्रियों ने जताई असमर्थता, केंद्र पर लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप

26/04/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version