छत्तीसगढ़। राजनांदगांव जिले में तीन आंख और दो नाक (चार नासिका छिद्र) के साथ जन्मी बछिया को भगवान मानकर पूजा शुरू कर दी। हालांकि बाद में उसकी मौत से लोग दुखी हो गए।
जिले के छुईखदान थाना क्षेत्र के अंतर्गत लोधी गांव निवासी हेमंत चंदेल ने बताया कि उनके यहां 13 जनवरी को तीन आंख वाली जन्मी बछिया की बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे मौत हो गई। चंदेल ने बताया कि बछिया की मौत की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग उनके घर पर जमा हो गए थे।
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से मृत बछिया का अंतिम संस्कार कर दिया। चंदेल ने कहा कि इस घटना से वह और उनका परिवार दुखी है। उनका मानना है कि भगवान कुछ दिनों के लिए उनके घर आए थे। बता दें कि एचएफ जर्सी नस्ल की एक गाय ने इस बछिया को जन्म दिया था। जन्म के बाद से ही बछिया ग्रामीण और आसपास के कस्बों के निवासियों के लिए कौतूहल का विषय बन गई थी।
बछिया की एक अतिरिक्त आंख और दो अतिरिक्त नासिका छिद्र थे। साथ ही, पूंछ जटा की तरह तथा जीभ सामान्य से लंबी थी। तीन आंख और चार नासिका छिद्र समेत अन्य भिन्नताओं को लेकर जन्मी इस बछिया को भगवान का अवतार मानकर लोगों ने उसकी पूजा शुरू कर दी थी। स्थानीय सरकारी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संदीप इंदुरकर ने बताया कि ऐसे मामले जन्मजात (जन्म से) विसंगतियों के कारण होते हैं और पशु लंबे समय तक जीवित नहीं रहते हैं।
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डॉक्टर इंदुरकर ने बताया कि शारीरिक संरचना में इस तरह की विकृति भ्रूण की असामान्य वृद्धि के कारण होती है। आमतौर पर ऐसे पशु का स्वास्थ्य कमजोर होता है और वह लंबे समय तक जीवित नहीं रहते हैं। छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास के खिलाफ वर्षों से आंदोलन चलाने वाले क्षेत्र के चिकित्सक एवं अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख डॉक्टर दिनेश मिश्रा के मुताबिक ऐसे मामले जन्मजात विसंगतियों के कारण होते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को इसे आस्था या अंधविश्वास से नहीं जोड़ना चाहिए।