लखनऊ। कोरोना वायरस महामारी के कारण मातम, मजलिसें और ताजियों के जुलूस पर सरकार ने रोक लगा दी है। प्रशासन की इस रोक पर लखनऊ में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नाराजगी जाहिर करते हुए धरने पर बैठ गए हैं। बता दें कि मुहर्रम के महीनें में शिया समुदाय के लोग मातम और मजलिसें करते हैं और ताजियों के जुलूस निकालते हैं। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है।
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इमामबाड़ा गुफरानमआब पर धरने पर बैठे मौलाना ने कहा कि पूरे यूपी से उनको शिकायत मिल रही हैं कि प्रशासन लोगों को अजादारी करने से और ताजिया रखने से रोक रहा है।
उन्होंने कहा कि मोहर्रम में शिया, सुन्नी और हिन्दू अजादार तजियेदारी करते हैं। ऐसे में उनको रोकना गलत है। मौलाना ने कहा कि मोहर्रम में लोग अपने घरों में रखे ताजियों को कर्बला में दफन करते हैं। इस पर रोक लगाना समुदाय के साथ नाइंसाफी है।
मौलाना ने कहा कि मैं 2 दिन के धरने पर बैठ रहा हूं। इसके बाद भी हुकूमत ने अगर घरो में ताजिया रखने और घरो में मजलिस करने इजाजत नहीं दी तो प्रदर्शन जारी रहेगा। मौलाना ने कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट ने कर्बला शाहेमर्दा में 1 हजार लोगों के मजलिस में शामिल होने की इजाज़त दी है। सरकार यहां पर भी ताजिया रखने और मजलिस करने की इजाजत दे। धरने पर मौलाना रजा हुसैन, मौलाना हबीब हैदर समेत कई उलेमा मौजूद थे।