नई दिल्ली। करोड़ों लोगों की पसंदीदा अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी अपने फिगर, सेहत और योगा के लिए भी दुनियाभर में अलग पहचान बना चुकी हैं। अब शिल्पा शेट्टी ने अपनी सेहत और जीवन शैली को लेकर अहम खुलासा किया है। शिल्पा के सकारात्मक जीवन और जीवन शैली की प्रेरणा काशी के एक बाबा हैं। उन्होंने यह बात खुद ट्वीटर पर बाबा का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है।
काशी में गंगा के घाटों और गलियों में विचरण करने वाले 123 वर्षीय वयोवृद्ध योग साधक शिवानंद बाबा देश-दुनिया के लोगों के लिए सुखी व सार्थक जीवन के मंत्रदाता भी पहले से हैं। संत शिवानंद से प्रेरित शिल्पा ने भी ‘खुश रहो, संतुष्ट रहो और सकारात्मक बनो’ को अपने जीवन का मंत्र बना लिया है।
शिल्पा अपने ट्वीट में बाबा के हवाले से लिखा है कि इच्छा नहीं तो कोई रोग नहीं, रोग नहीं तो कोई उदासी नहीं। वह अपने फेसबुक और ट्विटर एकाउंट पर बाबा के बारे में लिखती हैं-‘कितने प्रसन्न और सकारात्मक विभूति हैं शिवानंद बाबा। वह 123 वर्ष के हैं। अपनी बेहतर जिंदगी के लिए वह हमारे लिए आदर्श हैं। वह एक सुखी जीवन का सबसे अच्छा मंत्र बताते हैं। बाबा के श्रीमुख से यह सुनना कि अच्छे विचार और सद्कर्म, लालसा रहित और समर्पित जीवन से हम ईश्वर को पा सकते हैं। इससे आपका जीवन खूबसूरत बन जाएगा।’
शिल्पा ने लिखा है, उनका यह कथन कितना सही है कि आपके पास जो भी है, उसमें खुश और संतुष्ट रहें। जो भी हमें नसीब है, उसका भरपूर उपयोग करें। लालच और अत्यधिक इच्छाओं का परित्याग करें। इससे हमें अकल्पनीय शान्ति और ख़ुशी हासिल होगी। आज के समय बाबा शिवानन्द से बेहतर जीता जागता उदाहरण दूसरा कोई नहीं है। उनका जीवन हमें इस सच्चाई से परिचित करा सकता है। बाबा शिवानंद से प्रेरित होकर मैंने अपने जीवन का मंत्र बनाया है- खुश रहो, संतुष्ट रहो और सकारात्मक बनो। बाबा शिवानंद की आयु की प्रामाणिकता को लेकर विवाद हो सकता है लेकिन यह निश्चित है कि वह दुनिया में सबसे अधिक आयु वाले लोगों में शामिल हैं। इस उम्र में भी नियमित योगासन करने वाले बाबा संयम की प्रतिमूर्ति हैं।
अपनी उम्र से 50 साल छोटे दिखते हैं बाबा
बाबा शिवानंद का कहना है कि मसालों और सेक्स से दूरी और रोजाना योग के बूते पर ही वह इतने लंबे समय तक जी सके हैं। पासपोर्ट के मुताबिक बाबा का जन्म 8 अगस्तत 1986 में हुआ था। दुनिया में सबसे ज्यादा जीने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड के दावे को सत्यापित करने के लिए उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के पास आवेदन भी किया है। भारत के पासपोर्ट अधिकारियों ने एक मंदिर रजिस्टर से शिवानंद की उम्र की पुष्टि की है। हालांकि यह बेहद मुश्किल है कि उनकी उम्र स्वतंत्र रूप से सत्यापित की जा सके।
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बाबा शिवानंद अपनी उम्र से 50 साल छोटे दिखते हैं। उनका जन्म श्रीहट्ट जिले के हबीबगंज महकुमा, ग्राम हरिपुर के बाहुबल इलाक़े में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। यह जगह अब बांग्लादेश में है। बाबा के पास अंग्रेज़ी में रूपांतरित उनकी कुंडली, आधार कार्ड और पासपोर्ट भी है। वह प्रवचन के लिए इंग्लैंड, अमरीका और बांग्लादेश भी जा चुके हैं। वो बताते हैं कि उनके माता-पिता दरवाज़े-दरवाजे भीख मांगकर जीविका चलाते थे।
शिवानंद वाराणसी के दुर्गाकुंड के रहने वाले हैं। योग, अनुशासन और ब्रह्मचर्य को ही उन्होंने अपना जीवन बना लिया है। वे कहते हैं, ‘मैं बहुत ही सादा और अनुशासित जीवन जीता हूं। बहुत साधारण खाना खाता हूं। खाना हमेशा उबला हुआ, जिसमें ना तेल होता है ना मसाले होते हैं। वह खाने में उबली हुई दाल के साथ चावल और साथ में दो हरी मिर्च लेते हैं।
बाबा शिवानंद का कद मात्र पांच फुट दो इंच है। वह जमीन पर एक चटाई बिछा कर सोते हैं। लकड़ी की एक पटरी को तकिया बनाते हैं। उनका मानना है कि दूध या फल मजेदार किस्म के खाने होते हैं। उन्होंने बचपन में कई बार भूखा सोया करता था।