लखनऊ। यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के मौत की बीते 16 अगस्त को हो गई थी। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन ने वीडियो जारी कर चेतन चौहान की एसजीपीजीआई में लापरवाही का आरोप लगया था। इसी आरोपों की कड़ी में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का नाम जुड़ गया। उन्होंने हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने की बात कही थी।
अब शिवसेना ने पूर्व कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के मौत की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस संबंध में पार्टी के नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा है।
शिवसेना के बयान में कहा गया कि किन परिस्थितियों में संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ से मंत्री चेतन चौहान को मेदांत अस्पताल गुरूग्राम भेजा गया था। क्या सरकार को एसजीपीजीआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थान पर भरोसा नहीं है। बयान में आगे कहा गया है कि सरकार सोती रही और प्रदेश के दो मंत्रियों की मौत हो गई। शिवसेना के कहा कि सरकार को इस मामले की सीबीआई जांच करानी चाहिए।
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वहीं, चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान ने उनके पति के मौत के डॉक्टरों की लापरवाही के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने लोगों से अपने पति के निधन पर विवाद पैदा करने से परहेज करने को कहा है। संगीता चौहान ने कहा कि चेतन जी एक महान व्यक्ति थे। लोग उनकी मौत पर संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने हमें कभी नहीं बताया कि क्या उन्हें कोई स्वास्थ्य समस्या है।
परिवार के सुझाव पर हमने उसे एसजीपीजीआई से मेदांता में ट्रांसफर कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि सीएम योगी जी और राज्य सरकार ने हमारी मदद की है। वहीं, डॉ. हर्षवर्धन अपने स्वास्थ्य पर एक दैनिक अद्यतन लेते थे। चूंकि चेतन कोरोना वार्ड में थे, इसलिए हम उनसे नहीं मिल सके।
बता दें कि चेतन चौहान कोविड-19 संक्रमित पाए जाने के बाद संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराए गए थे। बाद में तबियत बिगड़ने पर उन्हें हरियाणा के गुरूग्राम के मेंदाता अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 16 अगस्त को उनकी मौत हो गई थी।