मुंबई। राजकोट में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा (Shivaji Statue) निर्माता को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि प्रतिमा बनाने वाले परमेश्वर रामनरेश यादव ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने बताया कि यादव को मिर्जापुर से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के मुताबिक यादव को अलग-अलग हिस्सों को वेल्डिंग करके शिवाजी महाराज की प्रतिमा (Shivaji Statue) बनाने का काम सौंपा गया था। उन्होंने संरचना बनाने के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया। वेल्डिंग से भागों को ठीक से नहीं जोड़ा। पुलिस ने बताया कि प्रतिमा गिरने के मामले की जांच के दौरान पाया गया था कि उसमें कुछ जगहों पर जंग लग गई है। इससे साफ हुआ कि इसमें कम गुणवत्ता की सामग्री का इस्तेमाल हुआ। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद रामनरेश यादव को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
दरअसल 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में स्थापित की गई छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Statue) की प्रतिमा गिर गई थी। सिंधुदुर्ग जिले में 4 दिसंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया था। 35 फुट की इस प्रतिमा का अनावरण नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था। प्रतिमा गिरने के बाद विपक्षी दल महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाए। विरोधियों के आरोप के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य की जनता से माफी मांगी।
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महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिमा (Shivaji Statue) गिरने के कारणों की जांच के लिए इंजीनियरों, आईआईटी विशेषज्ञों और नौसेना के अधिकारियों की एक तकनीकी समिति गठित की। सिंधुदुर्ग के पुलिस अधीक्षक सौरभ अग्रवाल ने फॉरेंसिक जांच के लिए धातु के नमूने लिए। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल और कलाकार जयदीप आप्टे को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया था।