सावन (Sawan) का महीना शिव की भक्ति के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। सभी शिव की भक्ति करते हैं और जल अभिषेक करते हैं। कुछ लोग शिव का जलाभिषेक घर पर ही करते हैं और वह शिवलिंग (Shivling) घर पर ही स्थापित करते हैं लेकिन इसके कुछ नियम कायदे हैं जिन्हें जान लेना बहुत आवश्यक है।
वैसे तो शिव भोले हैं देवों के देव हैं अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन वह रुष्ट भी उतनी ही जल्दी हो जाते हैं क्योंकि वह सरल हैं आज हम आपको शिवलिंग (Shivling) रखने के जो नियम का बता रहे हैं वो पुराणों में भी वर्णित है साथ ही अन्य ग्रंथों में भी उनका जिक्र किया गया है।
अंगूठे से बड़ा ना हो घर का शिवलिंग (Shivling)
शिवलिंग (Shivling) स्थापित करने से पहले आपको यह जरूर देख लेना चाहिए की शिवलिंग का आकार अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर उसकी मूर्ति स्थापना करना करवाना आवश्यक हो जाता है। इसका जिक्र हमें शिव पुराण में भी मिलता है।
इस दिशा में मुख करके करें अभिषेक
शिवलिंग (Shivling) पर अभिषेक करते समय हमेशा आपका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण और पूर्व दिशा की ओर मुख करके अभिषेक करने को शुभ नहीं माना जाता।
शिवलिंग (Shivling) सुखा नहीं रहना चाहिए
अगर आपने अपने घर में शिवलिंग स्थापित कर रखा है तो यह बात हमेशा ध्यान रखें की शिवलिंग सुखा नहीं रहना चाहिए। शिवलिंग पर प्रतिदिन जल अर्पित होना ही चाहिए साथ ही आपको उसके ऊपर जल अभिषेक के लिए जलधारी लगा देनी चाहिए।
घर पर इस शिवलिंग (Shivling) की करें स्थापना
घर पर अगर आप शिवलिंग रख रहे हैं तो आप या तो पारद शिवलिंग रख सकते हैं या फिर नर्मदेश शिवलिंग भी रख सकते हैं इन्हें शुभ माना जाता है, साथ ही इन्हें घर पर रखने के लिए उपयुक्त बताया जाता है।
पूजा नित्य प्रति होनी चाहिए
घर पर रखे हुए शिवलिंग (Shivling) की पूजा नित्य प्रति होनी चाहिए उसे पर नित्य प्रति जल अर्पित होना चाहिए।
इन बर्तनों का ना करें प्रयोग
अगर अपने घर पर शिवलिंग स्थापित कर रखा है तो आप कभी भी उस पर प्लास्टिक या स्टील के बर्तन से जलाभिषेक ना करें। जल को हमेशा तांबे या पीतल के बर्तन से ही अर्पित करें।
शिव परिवार भी रखें साथ
घर पर शिवलिंग स्थापित कर रखा है तो यह ना भूलें की शिव परिवार भी होना चाहिए। आपके मंदिर में भगवान गणेश और माता गौरी का होना भी अत्यंत आवश्यक है।
तुलसी अर्पित ना करें
याद रहे अगर आप घर पर शिव की पूजा करते हैं तो भूल कर भी भगवान शिव पर तुलसी अर्पित ना करें, इसे शिव की पूजा में निषेध माना गया है।
चढ़े हुए जल को गमले में चढ़ाएं
शिव पर अर्पित किए जल को एकत्र करके किसी गमले में डाल दें। कभी भी इस जल को ना तो फेंके और ना ही यूं ही बहने दें।