मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों पर हमला करते हुए आज कहा कि वे किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा यहां जारी विज्ञप्ति में श्री चौहान ने कहा कि आज जो लोग कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं, ये सभी दल पहले ऐसे ही कृषि सुधारों की मांग करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2019 में अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी लिखा था कि कांग्रेस कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करेगी, जिसमें निर्यात और अंतर्राज्यीय व्यापार भी शामिल होगा। मगर आज कांग्रेस किसानों को भडकाने का काम कर रही है।
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भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ भारत बंद का समर्थन कर रही डीएमके ने विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में नए कृषि कानूनों के जैसे ही प्रावधानों को शामिल किया था। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 23 नवंबर को नए कृषि कानूनों को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी और अब विरोध कर रहे हैं। स्वराज पार्टी के योगेंद्र यादव जैसे लोग मोदी सरकार पर आरोप लगाते थे कि एपीएमसी के लिए मोदी सरकार कुछ नहीं कर रही है, अब विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की स्टेंडिंग कमेटी में शामिल अकाली दल के सदस्यों ने एमपीएमसी मॉडल एक्ट जैसे प्रावधानों को किसानों के लिए जरूरी बताया था, अब विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एमएसपी के बारे में कांग्रेस और यूपीए के सहयोगी दल किसानों को भड़का रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि एमएसपी बंद नहीं होगी, यह जारी रहेगी।
श्री चौहान ने कहा कि एमएसपी के जरिए मोदी सरकार ने किसानों की जितनी चिंता की है, यूपीए की सरकार ने कभी नहीं की। श्री चौहान ने कहा कि एमएसपी के नाम पर हायतौबा मचाने वालों की सरकारों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कितनी खरीदी की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दल कितना ही किसानों को भड़काने का प्रयास कर लें, लेकिन देश की जनता इन कानूनों के पक्ष में है।