मेडिकल (Medical) और इंजीनियरिंग (Engineering) की पढ़ाई या तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए गुड न्यूज है. अगर आप NEET, JEE Mains या किसी और इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं.. लेकिन आपको पैसों की तंगी है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं. आप बस मन लगाकर पढ़िए और नीट, जेईई मेन जैसे एग्जाम पास कीजिए. एडमिशन और आगे की पढ़ाई की फिक्र सरकार करेगी. जी हां, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री Shivraj Singh Chouhan ने ये घोषणा की है. सीएम शिवराज ने कहा है कि एमपी में Medical, Engineering Fees का भुगतान राज्य सरकार करेगी.
Madhya Pradesh CM ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान ये ऐलान किया है. वह मध्यप्रदेश के सिंगरौली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और एक सीएम राइज स्कूल का शिलान्यास भी किया. कई घोषणाएं कीं, जिनमें से एक एमबीबीएस और बीई/ बीटेक जैसे कोर्सेस की फीस को लेकर थी. जानिए ये फायदा किन छात्र छात्राओं को मिलने वाला है?
Medical, Engineering Free Education: किन्हें होगा फायदा
एमपी सीएम ने कहा कि ‘हमने फैसला किया है Madhya Pradesh में हर गरीब का घर होगा. कोई बेघर नहीं रहेगा. सब पढ़ेंगे. इसलिए भाजपा सरकार ने ऐसे छात्रों की इंजीनियरिंग और मेडिकल कोर्सेस की फीस भरने का फैसला किया है जो गरीब और टैलेंटेड हैं. सरकार मेरिट वाले बच्चों को आगे पढ़ने के लिए उनकी फीस भरेगी. ऐसे बच्चे जिनके परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये तक है.’
रविवार, 22 जनवरी 2023 को शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग का शिलान्यास किया जो 248.27 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है. इसके अलावा 60.30 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज और हिर्रवाह बैढ़न व चकरिया में बन रहे CM Rise School का शिलान्यास भी किया.
UPSC Exam में न करें ये गलतियां, वर्ना सही जवाब के बावजूद नहीं मिलेंगे नंबर
इस मौके पर रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने कहा कि सिंगरौली के शासकीय माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ कर निकलने वाले छात्र सिर्फ यहीं नहीं, बल्कि देश-विदेश में तकनीकी सहायता देंगे. यह शिवराज सरकार का बड़ा काम है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने के लक्ष्य से काम कर रही है. अभी तक देश में 642 नए मेडिकल कॉलेज बन कर तैयार हो गए हैं. हर राज्य में AIIMS भी संचालित होने लगा है.