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शिवराज ने नए कृषि कानून के तहत किसानों के हित में लिए गए फैसले की प्रशंसा की

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में किसानों के हित में जो नए कदम उठाए हैं, उसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। पूर्व में लिए गए फैसलों जैसे किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण, किसान सम्मान निधि के तहत छोटे किसानों को राहत, किसानों को फसल बीमा योजना के लाभ पहुंचाने के अलावा नए वैधानिक प्रावधान भी किसानों की आर्थिक उन्नति का आधार बन रहे हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रदेश में किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 के प्रावधान अनुसार किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल रहा है। हाल ही में होशंगाबाद जिले के पिपरिया में न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी ने फॉर्चून राइस प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर एवं आवेदक किसानों की सुनवाई कर समझौता (सुलह) बोर्ड गठित कर किसानों के हित में न्याय प्रदान किया है।

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श्री चौहान ने नए कृषि कानून का प्रयोग करते हुए किसानों के हित में लिए गए फैसले की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि 24 घंटे के भीतर किसानों को न्याय दिलाने में तत्परतापूर्वक कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन होशंगाबाद की भूमिका सराहनीय है। उन्होंने होशंगाबाद जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई दी। होशंगाबाद जिले की पिपरिया तहसील में किसानों से अनुबंध के बावजूद फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी, दिल्ली द्वारा खरीदी नहीं किए जाने की शिकायत पर जिला प्रशासन होशंगाबाद ने तत्परतापूर्वक कार्रवाई कर किसानों के प्रति संवेदनशीलता का प्रमाण दिया है।

मुख्यमंत्री ने किसानों की जागरूकता की भी प्रशंसा की है। कृषक पुष्पराज पटेल और बृजेश पटेल ने जब एसडीएम नितिन टाले को शिकायत की तो उसे गंभीरता से लिया गया। इस प्रकरण में तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी कर उच्चतम मूल्य प्रदान किया गया। यह किसानों जी जागरूकता से ही संभव हुआ। यदि किसान शिकायत करने आगे नहीं आते तो प्रकरण सामने नहीं आता।

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मध्य प्रदेश के अनेक जिलों में धान का रकबा बढ़ रहा है। होशंगाबाद जिले के पिपरिया अंचल के किसान भी धान उत्पादन के प्रति काफी रुचि प्रदर्शित कर रहे हैं। राज्य सरकार के लाभकारी प्रावधानों की जानकारी होने की वजह से किसान ऐसे विक्रेताओं को धान देते हैं जो उन्हें उनके परिश्रम की पूरी कीमत दे सकें। इस सिलसिले में कुछ किसानों ने 9 दिसंबर 2020 को फॉर्चून कंपनी से संपर्क करते हैं।

कंपनी के अधिकृत कर्मचारी का फोन निरंतर बंद मिलता है। परेशान किसान इसकी शिकायत अगले दिन 10 दिसंबर को अनुभाग अधिकारी पिपरिया को करते हैं। इन किसानों की शिकायत को अनुभाग अधिकारी पिपरिया गंभीरता से सुनते हैं। वे बिना विलंब के फॉर्चून राइस प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों को सूचना पत्र जारी करते हैं। विशेष बात यह है कि कंपनी को जवाब प्रस्तुत करने के लिए 24 घंटे का समय दिया जाता है।

इसके बाद किसानों के हित में बनाए गए नए अधिनियम के प्रावधान अनुसार दोनों पक्षों को सुलह (समझौता) का अवसर प्रदान करते हुए सुलह बोर्ड का गठन किया जाता है। दोनों पक्षों के मध्य आपसी समझौता अनुसार कृषकों की लगभग 2700 क्विंटल धान की खरीदी फॉर्चून राइस लिमिटेड द्वारा उच्चतम मूल्य 2950 और 50 रुपए के बोनस को मिलाकर कुल तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर पर होती है। धान की खरीदी कंपनी द्वारा समझौता अनुसार कर ली गई। इस प्रकार किसानों के हित में अधिनियम के प्रावधान अनुसार प्रभावी कार्यवाही संपादित की गई। यह उदाहरण किसानों के मन में विश्वास जागृत करता है।

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