भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के मंत्री तुलसी राम सिलावट ने इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि संवैधानिक व्यवस्था के चलते कोई भी व्यक्ति छह माह की अवधि तक बिना विधायक रहे मंत्री नहीं रह सकता है।
सिलावट ने अपना इस्तीफा मंगलवार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दिया। इस्तीफा देने के बाद बुधवार को उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र और प्रदेश के विकास के लिए कुबार्नी देने के लिए तैयार हैं।
उनके लिए पद का कोई महत्व नहीं है। मंत्री बने उनका छह माह का कार्यकाल पूरा होने के एक दिन पहले ही अपने पद से इस्तीफा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दिया है । सिलावट इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।
सिलावट उन 22 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने कमल नाथ सरकार का साथ छोड़ा था। विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था। उसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बनी सरकार में सिलावट मंत्री बने। संविधान में ऐसी व्यवस्था है कि बगैर विधायक रहते हुए कोई भी व्यक्ति अधिकतम छह माह तक मंत्री रह सकता है।