लख़नऊ में गैंग रेप के मामले में थानाध्यक्ष की कोर्ट में गवाही के लिए लगतार अनुपस्थित होने पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए थाना इंचार्ज के ख़िलाफ़ एफआईआर के आदेश दिए है। कोर्ट ने थानाध्यक्ष के खिलाफ नोटिस भेजकर 3 दिन में जवाब भी मांगा है। जिलाधिकारी और अपर मुख्य सचिव को भी नोटिस भेजने की बात कही गई है।
जानकारी के मुताबिक लखनऊ के विभूतिखण्ड में दर्ज एक गैंग रेप के मामले में विवेचक तत्कालीन थाना इंचार्ज सतेंद्र कुमार राय थे जिनकी मुकदमे में फ़ास्ट ट्रैक की विशेष अदालत में गवाही होनी है लेकिन लगातार अनुपस्थित होने पर गवाही नहीं हो पा रही है। थानाध्यक्ष विभूतिखंड की ओर से आख्या भेजकर बताया गया कि राज्य सरकार के कार्य में व्यस्तता होने व समयाभाव के चलते वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो पा रहे हैं।
इस जिले में फर्जी डिग्री लगाकर सरकारी नौकरी कर रहे 57 शिक्षक बर्खास्त
जिसपर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए थाना अध्यक्ष को जमकर फटकार लगाई और कहा कि गैंग रेप जैसे संगीन मामले में लापरवाही बरतने और गैर जिम्मेदार रवैया के साथ यह कोर्ट की अवमानना है। इसके बाद विशेष जज फूलचंद्र कुशवाहा ने इस मामले में थानाध्यक्ष विभूतिखंड के खिलाफ आइपीसी की धारा 175 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
साथ ही उन्हें नोटिस भी जारी किया गया है। इस मसले पर तीन दिन में जवाब भी मांगा है। अदालत ने अपने उक्त आदेश के साथ ही विवेचक राय की गवाही के लिए अब 24 मार्च की तारीख मुकर्रर की है। साथ ही उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए थानाध्यक्ष विभूतिखंड को पत्र भी जारी किया।