रामपुर। हेट स्पीच (Hate Speech) मामले में आजम खान ( Azam Khan) को एमपी एमएलए कोर्ट से झटका लगा है। उनकी तरफ से जो स्टे एप्लीकेशन दायर की गई थी, उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सबसे पहले रामपुर कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में आजम को दोषी माना था और उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई। इसके साथ-साथ उनकी विधानसभा वाली सदस्यता भी रद्द कर दी गई।
अब सपा की तरफ से सेशन्स कोर्ट में रामपुर कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। उम्मीद थी कि आजम ( Azam Khan) को वहां से राहत मिल जाएगी। लेकिन अभी के लिए इस कोर्ट ने भी सपा नेता को बड़ा सियासी झटका दिया है। उनकी राहत वाली अर्जी खारिज कर कर दी गई है, यानी कि उनकी सजा बरकरार रहने वाली है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से आजम को ये राहत जरूर मिली थी कि रामपुर में उपचुनाव कराने को लेकर प्रक्रिया पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने रामपुर सत्र अदालत को आदेश दिया था कि वह पहले आजम खान की अपील पर विचार करे। इसके बाद चुनाव आयोग को नतीजे के आधार पर 11 नवंबर को या उसके बाद रामपुर विधानसभा सीट के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करनी थी। लेकिन अब सेशन्स कोर्ट से भी आजम को झटका लग गया है। ऐसे में रामपुर विधानसभा सीट पर चुनाव को लेकर भी स्थिति स्पष्ट बन सकती है।
क्या है ये पूरा मामला?
वैसे जिस मामले में आजम खान को ये सजा हुई है,वो 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है। कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी। इसी मामले में रामपुर कोर्ट ने आजम को दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल की जेल सजा दी गई। यहां ये समझना भी जरूरी है कि आजम की सदस्यता इसलिए रद्द की गई है क्योंकि साल 2002 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में किए गए संशोधन के मुताबिक सजा की अवधि पूरी होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी रहती है।