यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव को तग़ड़ा झटका लगा है। सपा के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव ने पार्टी के सभी पदों के साथ-साथ प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में अनिल यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी और कांग्रेस की सोशल मीडिया इंचार्ज पंखुड़ी पाठक के खिलाफ समाजवादी के कुछ नेताओं ने अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, जिससे वह आहत हैं। बताया जा रहा है कि इससे आहत होकर ही अनिल यादव ने यह कदम उठाया है। इस बाबत उन्होंने ट्वीट पर एक वीडियो भी अपलोड किया है। इसमें उन्होंने खुलकर अपनी बात कही है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में शुमार अनिल यादव ने अपने इस्तीफे में लिखा है- ‘यह वह समाजवादी पार्टी नहीं है, जिसका मैं सच्चा सिपाही हूं।’
मेरे इस्तीफ़े के संदर्भ में
उम्मीद करता हूँ जो साथी इस सफ़र में मुझसे जुड़े वो बात को समझेंगे। 🙏 pic.twitter.com/QhSuHwkifO— Anil Yadav (@anil100y) February 27, 2021
अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में अनिल यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी और कांग्रेस की सोशल मीडिया इंचार्ज पंखुड़ी पाठक के खिलाफ समाजवादी के कुछ नेताओं ने अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, इससे वह आहत हैं। उनका यहां तक कहना है कि उनके आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया गया। इतना ही नहीं, इस मुद्दे पर अनिल यादव पर ही चुप रहने के लिए दबाव बनाया गया। बताया जा रहा है कि इससे आहत होकर ही अनिल यादव ने यह कदम उठाया है। इस बाबत उन्होंने ट्वीट पर एक वीडियो भी अपलोड किया है। इसमें उन्होंने खुलकर अपनी बात कही है।
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अपने ट्विटर हैंडल पर अनिल यादव ने लिखा- ‘कल एक तस्वीर वायरल हुई। जिसमें अखिलेश जी पर आमजन को टीका टिप्पणी करने का मौका मिला। कांग्रेस ने भी उस तस्वीर को प्रियंका जी की तस्वीर के साथ लगाकर कटाक्ष किया और मेरी पत्नी पंखुड़ी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ता की पोस्ट को शेयर किया। जिसके बाद बहुत सारे सपा के लोगों ने पंखुड़ी को अभद्र व अशोभनीय बातें लिखनी शुरू कर दीं। हालांकि, मैं सोशल मीडिया पर लिखी किसी चीज को महत्व नहीं देता, लेकिन कुछ तो इतनी घटिया थीं कि कोई आम आदमी अपने घर की महिला के बारे में ऐसा देखे तो सह ना सके।
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उन्होंने आगे लिखा, “पंखुड़ी ने पुलिस कंप्लेंट कर दी। जिस पर विधिवत कार्यवाही जारी है, लेकिन पार्टी की तरफ से उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उल्टा मुझे लोगों ने पंखुड़ी को समझाने की नसीहत देनी शुरू कर दी। सुबह जब में उठा तो मैंने देखा कि मुझे सपा के सभी अधिकारी व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया गया है। जिसका सीधा संदेश मुझे समझ आ गया है। इसलिए मैं सपा की प्राथमिक और आजीवन सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।’