राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में पानी की कमी और सीवरेज नेटवर्क के संचालन में हो रही परेशानी के चलते, उसके रखरखाव और प्रबंधन के लिए दिल्ली सरकार ने निजी ऑपरेटरों को अनुबंध देने का निर्णय लिया है। दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में लिया गया यह फैसला बिलकुल सही है। इससे उम्मीद की जानी चाहिए कि पानी की कमी व सीवरेज संबंधी व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपेक्षित मदद मिलेगी। इसके तहत प्रत्येक ऑपरेटर दिल्ली के एक तय हिस्से में अपनी सेवाएं देगा।
एक क्षेत्र में एक ऑपरेटर की तर्ज पर यह अनुबंध दस वर्षों के लिए दिया जाएगा। अनुबंधित निजी ऑपरेटर की जवाबदेही तय होगी, जिसके चलते उससे बेहतर सेवाएं मिलने की पूरी उम्मीद की जा सकती है। ऑनलाइन या हेल्पलाइन के जरिये आवेदन करने को भी मंजूरी दी है। आवेदन की प्रक्रिया सरल होने से दिल्लीवासियों को पानी या सीवर का कनेक्शन लेने में आसानी हो सकेगी, जो यकीनन स्वागतयोग्य है। इसमे लिए गए फेसले से दिल्ली के लोगों की बड़ी परेशानियाँ हल हो गयी है।
योगी सरकार ने 31661 पदों पर शिक्षकों की भर्ती का आदेश जारी किया
गौरतलब है कि दिल्ली में यमुना के खादर क्षेत्रों में 200 ट्यूबवेल लगाने को भी जलबोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की है। ट्यूबवेल को बड़ी सजलता से स्वीकृति मिल गयी है और ये करीब 30 एमजीडी भूजल दोहन बढ़ सकेगा, जिससे दिल्लीवासियों की पानी की समस्या को कम करने में काफी मददगार सिध्ध होगा।
62 करोड़ अन्नदाताओं के साथ खड़ा हो देश : रणदीप सिंह सुरजेवाला
इस दिशा में दिल्ली सरकार ने कुछ महज कदम उठाए हैं, जिन्हें और तेज किए जाने की जरूरत है। साथ ही राजधानी में अवैध रूप से चलाए जा रहे बोरवेल पर सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अवैध रूप से हो रहा भूजल दोहन रोका जा सके। यदि यह संभव होता है तो दिल्ली में पानी की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। बाकी सरकार की एक्टिव फोकस ने इस मामले को काफी हद तक समेट लिया है।