भगवान श्रीकृष्ण का 5248 वां जन्मोत्सव उनकी जन्मस्थल पर धूमधाम से मनाया जायेगा, इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, इस बार ठाकुर जी वेणु मंजरिका पुष्प बंगले में विराजमान होंगे, मर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल तक पधारेंगे, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भगवान श्रीकृष्ण का परम पुनीत जन्मोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं एवं परंपराओं के अनुशार भद्रपद कृष्ण अष्टमी को मनाया जायेगा ।
इस संबंध में जानकारी देते हुए श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण के 5248 वें जन्मोत्सव के दिव्य अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान की साज सज्जा, ठाकुर जी की पोशाक, श्रंगार नयनाभिराम होगी, जन्मभूमि के अंदर एवं परिसर के बाहर श्रद्धालु जिस दिशा से भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के दर्शन करेंगे, वहीं से उनको जन्मभूमि की अद्भुत छटा की अनुभूति होगी, भगवान श्रीकृष्ण की प्राकट्य भूमि एवं कारागार के रूप में प्रसिद्ध गर्भ गृह की साज सज्जा अद्भुत होगी, गर्भ गृह के प्राचीन वास्तु अथवा मूल रूप में बिना कोई परिवर्तन किये कारागार का स्वरूप प्रदान किया जायेगा।
जिससे श्रद्धालुओं को उनकी भावना के अनुरूप ठाकुर जी के दर्शन हो सकें, साथ ही पर्व के अनुकूल प्रकाश का संयोजन भी गर्भ गृह की भव्यता एवं दिव्यता को अनोखा बनायेगा, गर्भ गृह के बाहरी हिस्से में उत्कीर्ण भगवान के जन्म से पूर्व की लीलाएं भक्तों के आकर्षण का केन्द्र रहती हैं, इन स्थानों पर प्रकाश की विशेष व्यवस्था रहेगी ।
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उन्होंने बताया कि तीस अगस्त को प्रातः भगवान की मंगल आरती के दर्शन होंगे, इसके बाद भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जायेगा, भगवान के पवित्र स्त्रोतों का पाठ एवं पुष्पार्चन होगा, जन्म महाअभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्रीगणेश नवग्रह आदि पूजन से शुरू होगा, इसके बाद 1008 कमल पुष्प से ठाकुर जी का सहस्त्रार्चन करते हुए आह्वान किया जायेगा, रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल नगाडे, झांझ मजीरे और मृदंग बज उठेंगे, असंख्य भक्त भगवान के जन्म की खुशी में नाच उठेंगे, भगवान के जन्म की महाआरती रात्रि को 12 बज कर 15 मिनट तक चलेगी, इससे पहले भगवान श्रीकृष्ण चल विग्रह मोर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे, संस्थान ने सभी ब्रजवासियों और श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि सभी अपने निवास एवं मंदिरों में घंटे घडियाल और शंख ध्वनि से भगवान के प्राकट्य का उत्सव मनाएंगे। जन्म के दर्शन रात्रि में 1 बजकर 30 मिनट तक होंगे ।
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आलाधिकारियों ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान का निरीक्षण किया है, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व की तैयारियों एवं सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत अपर पुलिस महानिदेशक, आगरा जोन एवं पुलिस महानिरीक्षक आगरा परिक्षेत्र द्वारा श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर सम्बन्धित विभागीय अधिकारीगण के साथ गोष्ठी की गयी एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद करने के आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये ।