उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में तैनात एसआई दीपक सिंह पर एक लड़की ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता की शिकायत के बाद राज्य महिला आयोग ने पुलिस अधिकारियों से जवाब तलब किया है। हालांकि इससे पहले एसआई दीपक सिंह को अनुशासनहीनता के मामले में लाइन हाजिर कर दिया गया था।
यह मामला लॉकडाउन के समय का है। पीड़िता का आरोप है कि वह 31 मार्च 2020 को अपनी दादी की दवा लेने के लिए घर से निकली थी। सानूपार चौकी पर तैनात दीपक सिंह ने उसे रोक लिया। उसने गाड़ी के कागजात चेक करने के नाम पर घंटों बैठाए रखा और बाद में उसका मोबाइल नंबर लेकर छोड़ दिया। लड़की की शिकायत के मुताबिक, उस दिन के बाद से एसआई दीपक सिंह उसके मोबाइल पर कॉल करने लगा। साथ ही वॉट्सऐप मेसेज भी भेजने लगा। फोन पर वह अश्लील बातें करता था। नतीजतन लड़की ने एसआई का नंबर ब्लॉक कर दिया।
2 अप्रैल 2020 को यह लड़की दवा लेने के लिए फिर घर से निकली। इस बार भी एसआई दीपक सिंह ने उसे रोक लिया और धमकी देने लगा। एसआई उस लड़की पर फोन से बात करने का दबाव बनाने लगा। पीड़िता ने जब एसआई का नंबर अनब्लॉक नहीं किया तो एसआई दूसरे नंबर से कॉल करने लगा। इतना ही नहीं एसआई ने पीड़िता के भाई के खिलाफ जानलेवा हमला, बंधक बनाने और पिस्टल छीनने का मुकदमा भी दर्ज करा दिया। इस मुकदमे में पीड़ित लड़की के भाइयों, बहन और अन्य का नाम भी दर्ज कराया।
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एक साल के अंदर लड़की और उसके परिजनों पर 8 मुकदमे दर्ज हो गए। पीड़िता का कहना है कि मुकदमों की वजह से उस की शादी नहीं हो पा रही है। नामजद मुकदमा होने की वजह से उसकी फुफेरी बहन की शादी टूट गई, जिले के सभी अधिकारियों से इनसाफ की मांग की गई, लेकिन एसआई को लाइन हाजिर कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया। मुकदमों की वजह से मेरे परिवार के लोग बहुत परेशान हैं। हमारा पूरा परिवार तबाह हो गया। अगर हम लोगों को न्याय नहीं मिलेगा तो सुसाइड के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं है।
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इस पूरे मामले पर एसपी हेमराज मीणा ने कहा कि एक लड़की ने एसआई दीपक सिंह पर इस तरह का आरोप लगाया था। इसकी हमने जांच कराई थी। एएसपी ने जांच करने के बाद बताया कि फोन पर बात करने या बात करने के लिए दबाव बनाने जैसा कोई मामला नहीं था। मुकदमे की विवेचना के दौरान लड़की के भाई अखिलेश सिंह ने एसआई दीपक सिंह से बातचीत की थी।
लड़की के आरोपों के समर्थन में उनके परिजनों ने वॉट्सएप चैटिंग के कुछ स्क्रीन शॉट दिए थे। लेकिन जब उस नंबर की जांच कराई गई, तो नंबर एसआई दीपक सिंह का नहीं पाया गया। लेकिन अनुशासनहीनता में एसआई दीपक सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया था। वर्तमान में एसआई दीपर सिंह कुशीनगर एयरपोर्ट पर अटैच हैं, इस पूरे प्रकरण की जांच एएसपी स्तर से कराई गई थी। आवेदिका द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उसकी जांच के दौरान इस तरह की कोई सच्चाई सामने नहीं आई थी। लड़की के परिजनों ने 8 मुकदमे दर्ज कराने का जो आरोप एसआई दीपक सिंह पर लगाया है, वह गलत है।
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पुलिस का कहना है कि गांव में इनका भूमि विवाद चल रहा है। ये मुकदमे उन्हीं मामलों में दर्ज हुए हैं। पोखरभिटवा गांव में बीते साल जून में एक घटना हुई थी। रेवेन्यू की टीम चकरोड की नापी के लिए गांव गई थी, उस समय वहां पर लोगों ने सरकारी काम में बाधा डाली। उस समय वहां के एसआई दीपक सिंह थे, जो मौके पर गए. उनको और रेवेन्यू की टीम को इन लोगों ने बंधक बना लिया था, जिसमें इन लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था। इसके अलावा गांव में अन्य लोगों से भी इनके जमीन के विवाद चल रहे हैं, उन्हीं मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।