सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में अकादमी उद्योग सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर कविता शाह ने अपने में कहा कि शासन और विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से सिद्धार्थनगर क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर इसके विकास के मार्ग को और प्रशस्त किया जा सकता है। इस क्षेत्र को रामसन साइट के रूप में विकास की मुख्य धारा के साथ सिद्धार्थनगर को जोड़ सकतें है। महात्मा गौतम बुद्ध से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण स्थल इस क्षेत्र को उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में पर्यटन से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे जो रोजगारपरक होंगे। सिद्धार्थनगर में रोजगार के अवसरों की अनंत संभावनाएं हैं। जरूरत है सही दिशा में नेक नियत और समाज के साथ मिलकर कार्य करने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में नॉलेज हब संचालित है जिसमें छात्रों का बहुत योगदान है जो छात्रों को उपयोगिता के लिए खुद को कैसे तैयार करें इसका प्रयास करता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी डॉक्टर राजा गणपति आर ने अपने प्रेरक उद्बोधन में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की विपरीत परिस्थिति में ही सकारात्मक ऊर्जा और दृष्टि के साथ आगे बढ़ने पर उच्चतम शिखर को व्यक्ति प्राप्त करता है। हम सकारात्मक सोच और दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ आपदा को भी अवसर में बदल सकते हैं। यह क्षेत्र अत्यधिक बाढ़ प्रभावित है लेकिन प्रबल इच्छा है तो मत्स्य पालन के माध्यम से उद्योग और रोजगार को बहुत बढ़ावा दे सकते हैं। एक जिला एक उत्पाद में काला नमक चावल के क्षेत्र में भी व्यापार उद्योग और रोजगार की आसीम संभावनाएं हैं। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा की वर्तमान समय में सरकारी सेवा से अधिक क्रेज उद्यमिता के क्षेत्र में है। वर्तमान परिवेश में युवाओं को जीवन में अधिक से अधिक जोखिम लेने की प्रवृत्ति विकसित करनी चाहिए। जितने अधिक जोखिम लेने की क्षमता विकसित होगी आगे बढ़ाने और विकास करने की संभावना भी उतने अधिक होगी। परंपरागत सोच की अपेक्षा नवाचार के लिए प्रेरित हो। नवाचार को प्रेरित करने में विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लीख से हटकर चलने वाले ही उच्चतम शिखर की ओर अग्रसर होते हैं। आराम का रास्ता छोड़कर कठिनाई और चुनौतियों का मार्ग के लिए निरंतर तत्पर रहना होगा और दिनचर्या की समीक्षा युवाओं में नियमित प्रवृत्ति के रूप में विकसित होना आवश्यक है। तभी वैश्विक आधार पर अपने को तैयार कर सकतें है। अकादमी और उद्योग के मध्य आज बहुत घनिष्ठ संबंध है। विश्वविद्यालय का इस प्रकार का आयोजन यहां के युवाओं और जिले के विकास में मिल का पत्थर साबित होगा। सक्षम युवा ही समाज और राष्ट्र के विकास को आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में भी विकास के अनेक अवसरों का उल्लेख किया। अंत में उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वह अपने नए विचार और नवाचार लेकर आए सिद्धार्थनगर में ऐसे युवाओं का हृदय से स्वागत है। सक्षम युवा ही विकसित भारत का आधार है। इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के रीजनल मैनेजर दीपेंद्र यादव ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाएं एवं रोजगारपरख नीतियों के साथ भारतीय स्टेट बैंक कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से व्यावसायिक क्षेत्र में कार्य करें। बैंक अपनी संपूर्ण जबाबदेही के साथ उनके साथ खड़ा है। लेकिन इसके लिए बहुत जरूरी है कि उद्यमी समय से बैंकों की देनदारी वापस करें जिससे भविष्य का मार्ग और प्रशस्त होगा। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसरों का उल्लेख करते हुए एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के क्षेत्र में युवाओं को करियर बनाने के लिए आह्वान किया। इसके अलावा उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंश्योरेंस मुंबई द्वारा संचालित बेसिक कोर्स लाइफ इंश्योरेंस के माध्यम से भी युवाओं को रोजगार के अवसर के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के रोहित ने भी अपने विचार रखते हुए छात्रों के भविष्य और करियर को लेकर महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन इस सम्मेलन के संयोजक आईयूपीएसी के निदेशक प्रोफेसर सौरभ तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर शिवम शुक्ला ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी छात्र-छात्राएं एवं विद्युत क्षेत्र के उद्यमी उपस्थित रहे।