सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में 21 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दो स्थानों विश्वविद्यालय परिसर स्थित पर्यटन विभाग के ओपन ऑडिटोरियम एवं पिपरहवा कपिलवस्तु स्तूप पर भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के योग दिवस पर प्रसारित उद्बोधन से हुई। प्रधानमंत्री के संबोधन के पश्चात उत्तर प्रदेश शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप 12 सूर्य नमस्कार आसनों का सामूहिक एवं व्यवस्थित क्रियात्मक प्रदर्शन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्व रिकॉर्ड की दिशा में योगाभ्यास के माध्यम से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय ने अपने दोनों स्थलों से सक्रिय सहभागिता निभाई।
सूर्य नमस्कार के उपरांत प्रतिभागियों द्वारा प्राणायाम एवं अन्य योग क्रियाओं का गहन अभ्यास भी किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कविता शाह ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि योग आज विश्व के लिए एक अमूल्य निधि के रूप में स्थापित हो चुका है। भारत की प्राचीन योग परंपरा न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का माध्यम है, बल्कि यह संपूर्ण मानवता के लिए शांति, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व का मार्ग भी प्रशस्त करती है। वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में, जब युद्ध, तनाव और असहिष्णुता अपने चरम पर है, भारत की योग और ज्ञान परंपरा ही एक वैकल्पिक रास्ता प्रस्तुत करती है।
इस आयोजन में कुलसचिव दीनानाथ यादव, वित्त अधिकारी अजय सोनकर, विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, कर्मचारीगण, छात्र-छात्राएं तथा आसपास के ग्रामवासी बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए और सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार, योगासन, प्राणायाम तथा अन्य योगाभ्यास किए।
विश्वविद्यालय परिसर स्थित योग कार्यक्रम का सफल संयोजन प्रो. हरीश कुमार शर्मा के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। वहीं कपिलवस्तु स्तूप पर आयोजित कार्यक्रम का नेतृत्व प्रो. सत्येन्द्र दुबे ने किया। सम्पूर्ण योग आयोजन के नोडल अधिकारी के रूप में प्रो. दीपक बाबू की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय द्वारा इस योग दिवस को केवल एक आयोजन के रूप में नहीं, बल्कि आंतरिक अनुशासन, शारीरिक संतुलन एवं मानसिक शांति के जन-संचार अभियान के रूप में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।