उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देकर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने पूरे देश के किसानों और जवानों को जोड़कर मजबूत राष्ट्र की आधारशिला रखी थी।
बार एसोसिएशन बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के तत्वावधान में आयोजित श्री शास्त्री के तैल चित्र का अनावरण करने के बाद श्री सिंह ने सोमवार को कहा कि 1962 में चीन युद्ध के दौरान जय जवान जय किसान का नारा देकर लाल बहादुर शास्त्री ने पूरे भारत के किसानों और जवानों को जोड़कर मजबूत राष्ट्र की आधार रखा था।
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उन्होने कहा किसान खेतों में हल चलाता है तो कोई नहीं कहता किस जाति और किस धर्म का है। सभी कहते हैं किसान है। चाहे वह यूपी, तमिलनाडु या पंजाब का किसान हो, उसकी कोई जाति और धर्म नहीं होता। जवान सरहद पर खड़ा होकर देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा देता है तो कोई जाति और धर्म वहां नहीं होता।
उन्होने कहा कि “जय जवान जय किसान” के नारे से प्रेरणा मिलती है। जहां पर कोई जाति धर्म नहीं है। देश के लिए जवानों और किसानों ने समर्पित भाव होकर एक राष्ट्र में पिरोया है। वर्ष 1965 के युद्ध के दौरान जब श्री शास्त्री ताशकंद जा रहे थे, तब पत्रकारों ने पूछा आप छोटे कद के हैं और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अय्यूब खान छह फिट के हैं तो कैसे बातचीत करेंगे।
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श्री सिंह ने बताया ,“उस समय मेरे नाना (शास्त्री जी) ने कहा था कि भारत सिर उठा कर बात कर रहा होगा और पाकिस्तान के राष्ट्रपति सिर झुका कर बात करेंगे। सही मायने में आज 56 इंच की प्रेरणा वही से महसूस होता है।