पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू के सलाहकार मालविंदर माली ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जब से माली ने ये पद संभाला था तभी से वे कैप्टन और गांधी परिवार पर विवादित टिप्पणियों से चर्चा में बने हुए थे।
पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की एक विवादित फोटो पोस्ट करने और कश्मीर पर टिप्पणी करने के बाद से वे चौतरफा आलोचना झेल रहे थे। इससे एक तरफ कांग्रेस हाईकमान राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों खासकर भाजपा के निशाने पर आ गई। वहीं पंजाब में कांग्रेस को विपक्ष और जनता से सामने फजीहत झेलनी पड़ी।
सिद्धू के सलाहकारों की टिप्पणियों से राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों के निशाने पर आए कांग्रेस हाईकमान ने अपने तेवर कड़े कर दिए थे। गुरुवार को ही पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने हाईकमान के निर्देश पर अमल करते हुए नवजोत सिद्धू से कहा था कि वे अपने सलाहकारों को तुरंत हटाएं।
हरीश रावत ने एक निजी चैनल पर दिए साक्षात्कार में कहा था कि सिद्धू को अपने सलाहकारों को हटा देना चाहिए और अगर सिद्धू ऐसा नहीं करेंगे तो हाईकमान खुद सख्त फैसला लेगा। उन्होंने कहा कि यह सलाहकार सिद्धू के निजी हैं, न कि कांग्रेस के सलाहकार हैं। कांग्रेस को ऐसे सलाहकारों की कोई जरूरत नहीं है।
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वह अगर ऐसे सलाहकारों को नहीं हटाते तो हाईकमान सीधे तौर पर सिद्धू के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकता है। सिद्धू सलाहकारों को हटा दें नहीं तो पार्टी के प्रदेश प्रभारी होने के नाते यह काम वह खुद (रावत) भी कर सकते हैं। रावत ने इस निर्देश के साथ नवजोत सिद्धू को हाईकमान के तेवरों के संकेत भी दे दिए थे।
कैप्टन पर लगातार साध रहे थे निशाना
माली ने कैप्टन खेमे को चेतावनी देते हुए अपनी पोस्ट में कहा था कि नवजोत सिद्धू न तो ‘दूल्हे की तरह काम करेंगे, न ही ’अली बाबा और चालीस चोर की बारात का नेतृत्व करेंगे’। माली ने उन मंत्रियों को चालीस चोर कहा था, जिन्होंने मुख्यमंत्री से माली के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
इसके अलावा, माली ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सांसद मनीष तिवारी और पंजाब के शिक्षा एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री विजय इंदर सिंगला पर भी निशाना साधा था। माली ने मनीष तिवारी को लुधियाना का ‘भगोड़ा’ बताया था जबकि सिंगला को अली बाबा के चालीस चोरों में से एक बताया था।