पोर्ट लुइस। अपने साफ पानी के लिए मशहूर मॉरीशस के बीच अब काले नजर आ रहे है। बीच पर मौजूद समुद्र का पानी काला हो गया है और हजारों लोग इसकी सफाई करने में जुटे हुए हैं। मॉरीशस के खूबसूरत समुद्र तटों की ये हालत जापान के एक तेल टैंकर जहाज की वजह से हुई है जो कि 25 जुलाई से मॉरीशस दक्षिणपूर्वी तट पर फंसा हुआ है और इसमें से कच्चे तेल का रिसाव हो रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक टैंकर से अभी तक 1000 टन तेल बह चुका है जिसकी वजह से समुद्र का पानी काला हो गया है और मॉरीशस ने ‘पर्यावरणीय आपातकाल’ की घोषणा कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एमवी वाकाशिवो नामक यह तेल टैंकर 25 जुलाई से फंसा हुआ है और इससे हो रहे तेल के रिसाव ने मॉरीशस की खूबसूरती को तबाह कर दिया है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने पर्यावरणीय आपातकाल की स्थिति घोषणा कर दी है और कहा है कि इससे देश के लिए खतरा पैदा हो गया है। जगन्नाथ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगी है।
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पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले ग्रीनपीस का कहना है कि इससे मॉरीशस में अब तक सबसे भयावह पर्यावरणीय संकट पैदा हो जाएगा। इससे समुद्री जीव-जंतुओं के साथ ही पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है।
शुक्रवार को जारी सैटेलाइट तस्वीर में नीले रंग के समुद्री पानी पर गहरे रंग का तेल फैलता नजर आ रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा कि उनका देश मॉरीशस की मदद के लिए विशेष दल और उपकरण भेज रहा है। मॉरीशस के करीब फ्रांस का रीयूनियिन द्वीप है। जहां से शनिवार को प्रदूषण नियंत्रण करने वाले उपकरणों के साथ सैन्य विमान मौके पर भेजा गया है।
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जापानी तेल कंपनी एमवी वाकाशिवो ने भी एक बयान जारी कर मॉरीशस से माफ़ी मांगी है। कंपनी का दावा है कि अब ही तक सिर्फ 1000 टन तेल का ही रिसाव हुआ है। कंपनी ने कहा कि जो भी हो रहा है हम उसके लिए माफ़ी मांगते हैं और हमसे जो भी हो सकता है वो करने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।
ईंधन रिसावमॉरीशस के लोगों ने इस संकट की घड़ी में आगे आकर बतौर वॉलंटियर समुद्र तटों की सफाई का काम शुरू कर दिया है। रविवार को हजारों की संख्या में आम लोगों ने प्रिंसटन बीच और आस-पास के इलाकों के समुद्र तट पर सफाई में राहतकर्मियों का साथ दिया। उधर जापान ने कहा है कि वे लगातार टैंकर से हो रहे रिसाव को रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं।
हालांकि अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक अब टैंकर को डूबने से बचा पाना लगभग नामुमकिन है और स्थिति के ख़राब होने की आशंकाएं ज्यादा हैं। पीएम जगन्नाथ ने कहा कि अगर टैंकर पूरी तरह डूब जाता है तो स्थिति और बिगड़ जाएगी और समुद्र तटों पर तेल और ज्यादा इकट्ठा होने लगेगा।