उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज यहां नागरिक उड्डयन विभाग, तथा नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मध्य जेवर एयरपोर्ट के लिये 1,334 हेक्टेयर भूमि के लीज़ एग्रीमेण्ट पर हस्ताक्षर हुये ।
इसके अलावा ज्यूरिख एयरपोर्ट इन्टरनेशनल एवं यमुना इन्टरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड एवं नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मध्य शेयर होल्डर्स एग्रीमेण्ट पर भी हस्ताक्षर किये गये।
ज़ेवर एयरपोर्ट हेतु 1334 हेक्टेएर भूमि को लीज़ पर देने हेतु राज्य सरकार की ओर से लीज़ एग्रीमेण्ट पर विशेष सचिव नागरिक उड्डयन विशाक जी0 और उप सचिव सत्यप्रकाश तिवारी तथा नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से यीडा के सी0ई0ओ0 अरुण वीर सिंह और नोडल ऑफ़िसर शैलेंद्र भाटिया ने हस्ताक्षर किए ।
जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट, हेतु शेयर होल्डर एग्रीमेण्ट पर ज्यूरिख एयरपोर्ट की कम्पनी की तरफ़ से सी0ई0ओ0 श्री क्रिसटोफ शेलमन और लीगल हेड शोभित गुप्ता तथा जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से निदेशक नागरिक उड्डयन श्री विशाक जी0 और सी0ई0ओ0 डॉ0 अरुण वीर सिंह ने हस्ताक्षर किए। नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने शेयरहोल्डर एग्रीमेण्ट प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का लीज एग्रीमेण्ट इस एयरपोर्ट के त्वरित गति से निर्माण तथा उत्तर प्रदेश के त्वरित विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि आज के उत्तर प्रदेश को विश्व पटल पर विकास योजनाओं को तेजी के साथ क्रियान्वित करने के लिए जाना जाएगा। इस परियोजना के पूरी होने के उपरान्त उत्तर प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि आम आदमी को भी हवाई सेवाएं उपलब्ध हो सकें। जेवर एयरपोर्ट का विकास उनके इस सपने को साकार करेगा। साथ ही, यह एयरपोर्ट देश तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं। जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर पांच हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य को नागर विमानन के क्षेत्र में वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने व प्रदेश में विश्वस्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के लिए गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मोड पर कराए जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिये जरूरी क्लीयरेन्सेज/अनापत्तियां प्राप्त हो चुकी हैं। एयरपोर्ट की स्थापना के लिये ‘भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम- 2013’ के अन्तर्गत 1334 हेक्टेयर भूमि तथा एयरपोर्ट की भूमि से सम्बन्धित परिवारों के पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिये आवश्यक 48.0970 हेक्टेयर भूमि का अर्जन कया जा चुका है। एयरपोर्ट की भूमि से सम्बन्धित परिवारों के पुनर्वासन से पुनर्व्यवस्थापन का कार्य 99 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है।
गौरतलब है कि एयरपोर्ट के विकास के लिये ग्लोबल बिडिंग के माध्यम से चयनित विकासकर्ता ज्यूरिख एयरपोर्ट इन्टरनेशनल द्वारा गठित एसपीवी यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड एवं उत्तर प्रदेश सरकार की कम्पनी नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ कन्सेशन एग्रीमेण्ट सात अक्टूबर, 2020 को हस्ताक्षरित किया जा चुका है। साथ ही, यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड एवं राज्य सरकार के मध्य त्रिपक्षीय स्टेट सपोर्ट एग्रीमेण्ट सात मार्च को हस्ताक्षरित किया जा चुका है।
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एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मॉडल के अनुसार चार चरणों में किया जाना है। वर्ष 2021-22 में इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारम्भ होकर प्रथम चरण का कार्य तीन वर्ष में पूर्ण होगा। जब यह एयरपोर्ट प्रारम्भ होगा तो 12 मिलियन पैसेन्जर से शुरू होगा जो चरणवार बढ़ कर वर्ष 2040-50 तक बढ़कर 70 मिलियन हो जायेगा। जेवर एयरपोर्ट कार्गो एयरपोर्ट भी है। वर्ष 2040-50 तक 2.6 मिलियन टन कार्गो की क्षमता का विकास होगा। इससे व्यापार और उद्योगों को एक नई दिशा मिलेगी।
एयरपोर्ट के विकास के लिये अधिग्रहीत की गयी 1334 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार (निदेशक, नागरिक उड्डयन) के नाम से है, जिसे 90 वर्षों के लिए नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लि को लीज पर दिये जाने हेतु राज्य सरकार एवं नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लि के मध्य आज लीज एग्रीमेण्ट पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसके अतिरिक्त ज्यूरिख एयरपोर्ट इन्टरनेशनल की कम्पनी यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड तथा नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ शेयरहोल्डर्स एग्रीमेण्ट पर भी आज ही हस्ताक्षर हुए हैं।
राज्य सरकार एवं नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लि के बीच 90 वर्षों के लिए भूमि को लीज पर दिये जाने सम्बन्धी लीज एग्रीमेण्ट होने के पश्चात नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट लि द्वारा 40 वर्षों के लिए भूमि यमुना इन्टरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को लाइसेंस के आधार पर दी जाएगी।
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जेवर एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल से जोड़े जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। साथ ही, जेवर एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से सड़क मार्ग द्वारा जोड़े जाने तथा मेट्रो रेल से जोड़े जाने की दिशा में कार्यवाही प्रशस्त है।
जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा, जिससे रोजगार एवं निवेश के अवसर अवसर बढ़ेंगे, विनिर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ हवाई यातायात सुगम होगा। इससे पर्यटन के क्षेत्र में भी अप्रत्याशित वृद्धि होने की सम्भावना है। एविएशन सेक्टर आज के समय में बहुआयामी प्रगति का द्योतक है, इससे आर्थिक विकास में गुणोत्तर वृद्धि होती है। जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से कई लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। राज्य सरकार द्वारा जेवर एयरपोर्ट के विकास के लिए विकासकर्ता को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा।