रामपुर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष गौरव टिकैत और युवा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दिगम्बर सिंह 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई युवा किसान नवरीत सिंह की तेरवीं में शामिल होने रामपुर पहुँचे। जहाँ भाकियू कार्यालय पर बड़ी संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओ ने स्वागत किया वहीं मीडिया से बात करते हुए गौरव टिकैत ने कहा कि यह नवरीत सिंह की शहादत है और जो वहां हुआ बहुत गलत हुआ।
तय रूट था उस पर पक्की बेरी केटिंग कर दिल्ली जाने के रास्ते पर जो हिंसा तांडव का रूप दिखाया गया किसान उस सब चीजों से बहुत नफरत करता है।
किसान आंदोलन को षड्यंत्र रच के बदनाम करने और एक सरदार को कौम को टारगेट करके बदनाम करने की कोशिश की गई वह नाकाम हुई और जिन लोगों ने वह काम करें धार्मिक ध्वज के लहराने का काम किया वह सरासर गलत है।
कौन लेकर चला यह कौन दीप सिद्धू है उसे अब तक क्यों पुलिस नहीं पकड़ पा रही है जो इतना बड़ा कलंकित करने का काम कर रहा है एक सिख कम्युनिटी को यह तो हिंसा फैलाने की बात थी सरकार को इनसे बाज आना चाहिए और जो मेन मुद्दे है आज किसान की हालत ज्यादा खराब है कोई ऐसा किसान होगा जिसकी किस्मत ठीक होगी उसकी धरती बच गई होगी वरना हर किसान की धरती बैंकों में गिरवी पड़ी है और कर्ज बढ़ाने की बात कर रहे हैं।
बात उसकी फसलों की कर लो यह बिल हटवा लो एक मजबूत बिल जिसको हम लोग भी कह रहे हैं एक मजबूत बिल की जरूरत है देश में।ऐसा बिल जो देश के किसानों का उद्धार करेगा उनको ऊपर लेकर जाएगा। एमएसपी का अधिकार उसमें बिलकुल हुआ नहीं स्वामीनाथन कमेटी उसमें है नहीं ऐसे बिल थोपने की जरूरत नहीं है।हमने जो लागू कर दिया वह मानना पड़ेगा यह हिटलर शाही सिस्टम नहीं चलने का है।
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कीले लगाकर क्यों आप आतंकवादी की संज्ञा दे रहे हैं अपने देश के किसान को।वह रास्ते खुलना चाहिए और रास्ते किसान ने बन नहीं कर रखें है आम जनमानस को जिसमें उत्तराखंड,रामपुर,मुरादाबाद और पश्चिम उत्तर प्रदेश के साथ लखनऊ तक 17 अस्पतालों की इमरजेंसी लाइन है एनएच 24 आपने वह बंद कर दिया और आम जनता को दिखाने के लिए कि किसान ने बंद कर रखा है। जबकि किसान जाएगा तो कॉल करके दिल्ली जाएगा। 35 साल से आंदोलन चल रहा है की घेराव करेंगे पार्लियामेंट का लेकिन पार्लिमेंट कोई नहीं जाता वह तो जंतर-मंतर या जो भी प्रोटेस्ट की जगह है वहां तक जाते हैं और अपनी बात कहते हैं और चले आते हैं।
यह तो ऐसा दिखाने की कोशिश कर दी जो अपने देश की गरिमा है उस को बरकरार रखें। 6 तारीख के बंद को लेकर कहा कि किसान संयुक्त मोर्चा कि जो गाइडलाइन है उसी गाईडलाइन के हिसाब से बंद का कार्यक्रम होगा।जो संयुक्त किसान मोर्चा की गाइडलाइन है उसका किसान पालन करेगा आम जनमानस को कोई परेशानी नहीं होगी।। देश को बांटने की कोशिश अब नहीं चलेगी।
लाल किले पर धर्म का झंडा फहराने का दुख सबसे ज्यादा सिख समाज को हुआ है। इसके बाद गौरव चौधरी दिल्ली में शहीद हुए नवरीत सिंह के अंतिम अदरास में शामिल होने जिला अध्यक्ष हसीब अहमद को साथ लेकर काफिले के साथ डिबडिबा पहुंचे और उन्होंने अंतिम अदरास में शामिल होकर नवरीत को श्रद्धांजलि दी। साथ ही दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार वालों को दुख सहने की ईश्वर से प्रार्थना की। और वहाँ अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि जातीय हिंसा और दंगा फसाद में विश्वास रखने वालों ने 26 जनवरी को जो षड्यंत्र रचा था नवरीत ने उसे अपने ऊपर ले लिया।
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लाल किले पर धर्म का जो झंडा फहराया गया उसका सबसे ज्यादा दुख सिख समाज को पहुंचा है।देश को बांटने की कोशिश अब नहीं चलेगी। किसान किसी भी तांडव और हिंसा में विश्वास नहीं रखता है। कहा कि किसानों की लड़ाई देश का संविधान बचाने की भी है।इसलिए लड़ाई हम सबको मिलकर मजबूती से लड़नी होगी। दूसरी ओर जिला अध्यक्ष हसीब अहमद ने 6 फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम को सफल बनाने की अपील की और उन्होंने बताया कि अंबेडकर पार्क के सामने हाईवे पर चक्का जाम किया जाएगा। तहसील और ब्लाक के पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह स्वयं भी गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं।