देशभर में 9 अगस्त, 2025 को रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन इस बार यह बेहद त्यौहार खास माना जा रहा है।भाई-बहन के पवित्र प्रेम का पर्व रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा का साया नहीं रहेगा। पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा। सुबह से ही बहने अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। बता दें, कि पिछले तीन सालों से भद्रा के कारण कभी दोपहर में तो कभी रात तक राखी बांधने के लिए इंतजार करना पड़ा था। इस बार राखी बांधने के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा।
भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित
ज्योतिषाचार्य पंडित संजय साध ने बताया की आमतौर पर पूर्णिमा के दिन भद्रा की स्थिति रहती है। भद्रा काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ऐसे में पिछले तीन सालों से भी रक्षाबंधन (Rakshabandhan) के दिन भद्रा की स्थिति के चलते राखी बांधने के लिए भद्रा समाप्ति का इंतजार करना पड़ा था। इस बार भद्रा रक्षाबंधन के एक दिन पहले 8 और 9 अगस्त की मध्यरात्रि के बाद समाप्त हो जाएगी। ऐसे में 9 अगस्त रक्षाबंधन के दिन पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. संजय साध के अनुसार इस बार रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का पर्व कई शुभ संयोगों में मनाया जाएगा। इस बार भद्रा का वास नहीं रहेगा और दिन भर राखी बांध सकेंगे। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग, श्रवण धनिष्ठा और नक्षत्र सौभाग्य योग के साथ ही आनंदादि स्थित, वर्धमान योग का अद्भुत संयोग रहेगा। सूर्य कर्क में चंद्रमा मकर में रहेंगे। सूर्योदय से दोपहर बाद तक सौभाग्य योग भी विद्यमान रहेगा। ये दुर्लभ योग संयोग इस दिन को और पवित्र और फलदायी बनाएंगे।
सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग
पंडित संजय साध ने ग्रहों की स्थित के अनुसार बताया कि भद्रा सूर्य देव की पुत्री और शनि की बहन है। जिसका वास पृथ्वी, पाताल और स्वर्ग में होता है। आमतौर पर पूर्णिमा पर भद्रा की स्थिति रहती है, इसलिए पूर्णिमा पर आने वाले पर्वों के दौरान अक्सर बाधा आती है और भद्रा समाप्ति का इंतजार किया जाता है।
जब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है उसे अशुभ माना जाता है, जबकि स्वर्ग और पाताल लोक में भद्रा का वास होने पर शुभ कार्य किए जा सकते हैं। चूंकि रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है। इसलिए इस पर्व में भद्रा दोष मान्य किया जाता है, लेकिन इस बार भद्रा की स्थिति एक दिन पहले ही समाप्त हो जाएगी।