लखनऊ। यूपी के कई जिलों में कोविड किट की खरीद में घोटाला हुआ है। इसकी जांच कराने के लिए योगी सरकार एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी टीम की अगुवाई अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार करेंगी। इस घोटाले की 10 दिन में रिपोर्ट देनी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुल्तानपुर व गाजीपुर सहित कुछ अन्य जनपदों में पल्स ऑक्सीमीटर व इन्फ्रारेड थर्मामीटर की बाजार मूल्य से अधिक दर पर खरीद किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया है। इस मामले की जांच के एसआईटी का गठन कर पूरे मामले की जांच कराने को कहा है।
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शासन ने यह एसआईटी अपर मुख्य सचिव राजस्व विभागरेणुका कुमार की अध्यक्षता में गठित की गई है। सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग अमित गुप्ता तथा सचिव नगर विकास एवं एमडी जल निगम विकास गोठलवाल को इस एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। एसआईटी पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में अपनी आख्या शासन को प्रस्तुत करेगी।
ज्ञातव्य है कि शासन द्वारा कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पल्स आक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा सेनेटाइजर का एक सेट राज्य वित्त आयोग की धनराशि से खरीदे जाने के निर्देश शासनादेश संख्या 1596/33-3-2020-114/2012 गत 23 जून, 2020 के माध्यम से निर्गत किए गए थे। सुल्तानपुर और गाजीपुर के साथ कुछ अन्य जनपदों में कतिपय ग्राम पंचायतों में बाजार मूल्य से अधिक इन उपकरणों को क्रय किए जाने की जानकारी शासन को प्राप्त हुई थी।
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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदैव इस बात पर विशेष बल दिया है कि भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार की जीरो टाॅलरेंस नीति है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर यदि किसी अनियमितता की जानकारी प्राप्त होती है, तो प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।