मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िला अस्पताल के एसएनसीयू (SNCU) और पीआइसीयू (PICU) में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
बीते 48 घंटे में पीआईसीयू और एसएनसीयू में 6 बच्चों की मौत हो चुकी है और तीन और बच्चों की हालत नाज़ुक बनी हुई है। इसमें से पीआइसीयू के तीन और एक बच्चा एसएनसीयू में दम तोड़ा.बच्चों की मौत के बाद शहडोल से लेकर राजधानी भोपाल तक हड़कंप मच गया। सीएम ने भोपाल और कमिश्नर ने शहडोल में अफसरों की बैठक ली।
24 घंटे के भीतर एक साथ 4 बच्चों की और फिर दो और बच्चों की मौत मामले में फिर जिला अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसमें दो बच्चे आदिवासी समुदाय से हैं। डेढ़ साल पहले भी जिला अस्पताल शहडोल में एक साथ छह बच्चों की मौत हो गयी थी। उस मामले में अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई थी और उसके बाद तत्कालीन ज़िम्मेदार अधिकारियों को हटा भी दिया गया था लेकिन मामला शांत होते दोबारा पदस्थ कर दिया था।
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बच्चों की फिर मौत होने के बाद राजधानी भोपाल तक हड़कंप मचा को कमिश्नर नरेश पाल ने आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में कलेक्टर समेत मेडिकल कॉलेज की टीम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में ज़िला अस्पताल में फिर बच्चों की मौत होने पर हालात की समीक्षा की गयी कि आखिर ये बड़ी लापरवाही कैसे हुई।
जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती 3 और नवजातों की हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि वॉर्ड में पर्याप्त वेंटिलेटर नहीं होने के कारण भी दिक्कत आ रही है।
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एक साथ चार बच्चों की मौत होने पर अस्पताल प्रबंधन ने दलील दी है कि बच्चों की हालत काफी नाजुक थी। इसमें एक बच्चे को नाजुक हालत में लाया गया था। अस्पताल में मासूमों के इलाज के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। एसएनसीयू और पीआइसीयू में तीन अलग-अलग शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई है।