उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) उद्योगों के समग्र विकास के लिए छह जिलों आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, आजमगढ़, गोरखपुर तथा वाराणसी में छह पार्क विकसित होंगे और इनके लिए 10 फर्मो ने रुचि दिखाई है।
राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव,डा0 नवनीत सहगल ने आज यहां यह जानकारी निर्यात प्रोत्साहन भवन में आयोजित बैठक में दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास की अपार संभावनाओं हैं। पार्क की स्थापना के लिए रिक्वेस्ट फाॅर प्रपोजल (आरएफपी) तैयार की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई पार्क इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में जाने जायेंगे।
IPL 2020 : कोलकाता ने 37 रनों से रोका राजस्थान का विजय रथ
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही आरएफपी की स्क्रीनिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। इन 06 पार्कों के विकास में 10 फर्मों ने रूचि प्रदर्शित की है, इनमें ग्रांट थोर्नटन, एनीकाॅन, जे एल एल, ई जी आई एस ,सी बी आर ई, पीडब्ल्यूसी, ईएनवाई तथा कीसन ब्रिक फील्ड प्रमुख फर्म हैं। पार्क के विकास में इन फर्मों के सुझाव को भी शामिल किया गया है।
डा0 सहगल के अनुसार आगामी 25 अक्टूबर को कंस्लटेंट के चयन के लिए बिड खोली जायेगी। कंस्लटेंट द्वारा एमएसएमई पार्क के लिए भूमि का चयन, परियोजना की फिजीबिलिटी रिपोर्ट के साथ ही इनके विकास के लिए आवश्यक सुझाव उपलब्ध कराये जायेंगे।
सुप्रीम कोर्ट : अगर सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित हुई तो 50 करोड़ रुपये दांव पर
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के प्रमुख छह जिलों में पार्कों के पूर्ण रूप से विकसित हो जाने से लघु उद्योगों के विकास को जहां नया आयाम मिलेगा, वहीं रोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित होंगे। इसके साथ ही इकाइयों में गुणवत्तापरक उत्पादन में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त कम समय में अधिक माल तैयार होगा तथा उत्पादों की कीमती में स्थिरिता आयेगी और कम मूल्य पर उत्पाद बाजार में उपलब्ध होंगे।