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संतान सुख की प्राप्ति के लिए आज रखा जाएगा स्कंद षष्ठी का व्रत, नोट करें पूजा विधि व महत्व

Skanda Shasti

Skanda Shasti

मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी मनाया जाता है। इसको चंपा षष्ठी, गुहा षष्ठी और अन्नपूर्णा षष्ठी भी कहा जाता है। इस बार 18 दिसंबरको स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi) का व्रत रखा जाएगा। यह पर्व महादेव के बड़े बेटे भगवान कार्तिकेट और खंडोबा देव को समर्पित है। खंडोबा बाबा भगवान शिव का रूप है। इस दिन भोलेनाथ और कार्तिक की पूजा का विधान है। इस दिन भगवान के सामने अखंड दीपक जलाएं। अगर इस व्रत को सच्चे मन से रखा जाएं तो संतान सुख की प्राप्ति होती है।

स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi) 2023 का शुभ मुहूर्त

18 दिसंबर 2023 को स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi) का त्योहार मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 17 दिसंबर को रात 8.41 मिनट से शुरू होगी। इसका समापन अगले दिन शाम 6.22 मिनट पर होगा। अमृत (सर्वोत्तम) मुहूर्त सुबह 5 से सुबह 7 बजे तक और उत्तम मुहूर्त सुबह 9.42 बजे से सुबह 11 बजे तक रहेगा।

स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi) पूजा विधि

स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi) की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। फिर साफ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें। मां गौरी, भगवान शिव और कार्तिकेय की प्रतिमा स्थापित करें। सुंगध, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। शाम को आरती के बाद फलाहार करें।

मंगल ग्रह होगा मजबूत

भगवान कार्तिकेय षष्ठी तिथि और मंगल ग्रह के स्वामी हैं। स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेट की पूजा करने से मंगलदोष दूर होता है। शिव पुत्र के सामने दीपक जलाकर चंपा का फूल अर्पित करें। ऐसा करने से मंगल ग्रह मजबूत होता है।

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