नई दिल्ली। बॉलीवुड के दिवंगत फिल्म स्टार सुशांत सिंह राजपूत की मौत आत्महत्या थी या हत्या की गहरी साजिश। इस पर एम्स प्रबंधन मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार एम्स प्रबंधन को अग्नाशय और आंतों संबंधी रिपोर्ट मिल चुकी है, जिसमें अल्कोहल और जहर मिलने की पुष्टि हुई है। हालांकि एम्स प्रबंधन अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है, लेकिन कयास है कि एम्स प्रबंधन की रिपोर्ट के बाद रिया समेत सभी आरोपियों की मुशिकलें बढ़ सकती हैं।
बता दें कि एम्स प्रबंधन अपनी शुरुआती जांच में आशंका जता चुका है कि सुशांत की मौत स्वाभाविक नहीं है। इसकी जांच हत्या के एंगल से करनी चाहिए। इसके अलावा नसों और जिगर से रिलेटड रिपोर्ट मिलना बाकी है।
बताया जाता है कि अगर इसमें भी जहर और अल्कोहल की पुष्टि होती है। तो सीधे तौर पर सीबीआई हत्या के एंगल से इसकी जांच करेगी। एम्स प्रबंधन के सूत्रों के मुताबिक पिजर्व बिसरे से संबंधित जो दो रिपोर्ट सामने आई हैं, उनके तहत अग्राशय और आंतों में अल्कोहल और जहर के अंश पाए गए हैं।
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हालांकि इस संबंध में डाक्टरों का दावा है कि ये जहर सीधे तौर पर नहीं दिया गया है। बताया जाता है कि ये जहर मेडीसिन के जरिए आंतों में आ सकता है, इसके अलावा ये साफ है कि सुशांत ने मौत से करीब 48 घंटे पहले शराब या ऐसी लिक्विड मेडीसिन ली थी, जिसमें अल्कोहल था।
इस संबंध में जीटीबी के हेड फोरेंसिक मेडीसन साइंस और टोक्सीलॉजी प्रोफसर डा. एनके अग्रवाल ने बताया कि इससे ये अंदाजा नहीं लग सकता है कि सुशांत को जहर ही दिया गया हो। कभी कभी मेडीसिन और अल्कोहल के बाद किसी की बॉडी कुछ चीजों को आब्जर्व नहीं करती, जिसके कारण भी ऐसा हो सकता है, लेकिन अगर ऐसा आया है। तो इस पर एम्स प्रबंधन ने एक और बार बारीकी से जांच कराई होगी, जिसके बाद ही इस पर वह बेहतर बता सकते हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उठे कई सवाल
सोमवार को डा.सुधीर गुप्ता के नेतृत्व में एम्स में बैठक की गई, जिसमें सुशांत की मौत को लेकर आत्ममंथन जारी रहा। इस दौरान सदस्यों ने कहा कि पीएम रिपोर्ट में कई बातों को नजरअंदाज किया गया था, अगर उस समय बॉडी के निशान सहित मौत के समय को लिखा होता तो निर्णय आसानी से लिया जा सकता था।
इसके अलावा बॉडी में अल्कोहल था, उसका जिक्र मुम्बई पुलिस ने नहीं किया है। साथ ही उनके बिसरे के नमूनों से साफ हुआ है कि उनकी बॉडी में फूड नहीं था, जबकि मुम्बई के डाक्टरों ने इसे भी अनसुना किया। बोर्ड में ये भी कहा गया कि मौके पर जो फोरेंसिक सबूत मिले हैं, वे भी मुम्बई पुलिस ने अपनी जांच में नहीं लिखे हैं, जिससे साफ है कि इसमें काफी कुछ छिपाया गया है।