Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

योगी सरकार की नई पहल से अब सरकारी स्कूल देंगे निजी स्कूलों को टक्कर

Smart School

Smart School

ग्रेटर नोएडा। योगी सरकार (Yogi Government) परिषदीय विद्यालयों को आधुनिक शिक्षा केंद्रों में बदलने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। ऑपरेशन कायाकल्प योजना के तहत अब परिषदीय विद्यालय सिर्फ स्कूल नहीं, बल्कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त समावेशी शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा के मथुरापुर में 1.30 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हाईटेक विद्यालय (Smart School) का उद्घाटन 19 मार्च को किया जाएगा। इस ऐतिहासिक पहल का शुभारंभ प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह करेंगे।

बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रही योगी सरकार

योगी सरकार की प्राथमिकता केवल अधिक विद्यालय खोलना नहीं, बल्कि उनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने और बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के उद्देश्य से स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड, प्रयोगशालाएं, समावेशी शिक्षा सुविधाएं और स्वच्छता व स्वास्थ्य प्रबंधन को विशेष रूप से शामिल किया गया है। वर्तमान में इस विद्यालय (Smart School) में 90 छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन सरकार का लक्ष्य आगामी सत्र में 150 से अधिक बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। योगी सरकार की इस पहल से अब सरकारी विद्यालय भी निजी स्कूलों की तरह उच्चस्तरीय सुविधाओं से लैस हो रहे हैं, जिससे छात्रों को समान अवसर मिल सकें।

छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी आधुनिक सुविधाएं

इस नवनिर्मित विद्यालय (Smart School) में छात्रों की शिक्षा को आधुनिक और प्रभावी बनाने के लिए स्मार्ट क्लासरूम (Smart Classrooms) की सुविधा दी गई है, जहां प्रत्येक कक्षा में डिजिटल बोर्ड और स्मार्ट लर्निंग टूल्स लगाए गए हैं। शिक्षा के साथ-साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा गया है। छात्रों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था आरओ और वाटर फिल्टर के माध्यम से की गई है, वहीं छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं, जिससे स्वच्छता और सुविधा दोनों सुनिश्चित हो सकें। विद्यालय में सुरक्षा के भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।

आकस्मिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हर कक्षा में दो दरवाजे बनाए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में छात्रों को आसानी से निकाला जा सके। मिड-डे मील के लिए भी अलग से एक भवन तैयार किया गया है, जहां छात्र आराम से बैठकर भोजन कर सकेंगे। इसके अलावा, बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में खेलकूद और प्रयोगशाला की भी विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे वे न सिर्फ शारीरिक रूप से सक्रिय रह सकें, बल्कि वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से व्यावहारिक शिक्षा भी प्राप्त कर सकें।

दिव्यांग छात्रों के लिए विकसित की जा रही विशेष सुविधाएं

योगी सरकार समावेशी शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं विकसित कर रही है। इस विद्यालय को ‘दिव्यांग अनुकूल विद्यालय’ के रूप में विकसित किया गया है, जिससे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बिना किसी बाधा के शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सके। विद्यालय परिसर में दिव्यांग छात्रों की सुगमता को सुनिश्चित करने के लिए रैंप और रेलिंग सहित विशेष सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। विद्यालय में विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, जो दिव्यांग छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शिक्षण प्रदान करेंगे। समावेशी शिक्षा की इस पहल से दिव्यांग छात्र बिना किसी भेदभाव के मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल हो सकेंगे और उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।

विद्यालय निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का रखा गया विशेष ध्यान

योगी सरकार शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दे रही है। इस विद्यालय का निर्माण ‘ग्रीन स्कूल’ मॉडल के अनुरूप किया गया है, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सतत विकास के सिद्धांतों को अपनाया गया है। विद्यालय निर्माण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी पेड़ को न काटा जाए, बल्कि इसके स्थान पर अधिक से अधिक पौधारोपण किया जाए। इससे विद्यालय परिसर हरा-भरा बना रहेगा और बच्चों को स्वच्छ व शुद्ध वातावरण में अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।

कहते हैं बेसिक शिक्षा मंत्री

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबका साथ, सबका विकास नीति के तहत शिक्षा को हर बच्चे तक समान रूप से पहुंचाने की योजना बनाई गई है। दिव्यांग छात्रों को भी मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए परिषदीय विद्यालयों में नई सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। मथुरापुर का यह विद्यालय इसी नीति का एक उदाहरण है। यहां दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष रैंप, समावेशी कक्षाएं और अन्य आवश्यक सुविधाएं विकसित की गई हैं, ताकि वे बिना किसी बाधा के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।

Exit mobile version