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धूम्रपान करने वालों को कोरोना वायरस से है अधिक खतरा, हो सकती है मौत

स्वास्थ्य डेस्क.   कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस बात का दावा किया था कि धूम्रपान करने वाले लोगों पर कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. साथ ही देश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि धूम्रपान, तंबाकू व अन्य किसी प्रकार का नशा करने वालो पर कोरोना से मौत का खतरा आम लोगों के मुकाबले अधिक बना रहता है.

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डब्लयूएचओ और शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि तम्बाकू से कमजोर हुए फेफड़े कोरोना को संक्रमण का दायरा बढ़ाने में मुफीद साबित हो रहे हैं.

‘फेफड़ों को प्रभावित करता है कोरोना’

केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर अरविंद मिश्रा ने बताया, “तंबाकू का किसी भी रूप में उपयोग करना नुकसानदेह ही है. यह ना सिर्फ प्रयोग करने वालों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि उनके आस-पास के लोगों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है. उस पर से कोरोना वायरस चूंकि फेफड़ों को प्रभावित करता है, इसलिए सिगरेट, हुक्का या वाटरपाइप जैसी चीज का सेवन करने वालों के लिए यह और भी गंभीर खतरा हो सकता है.”

तंबाकू में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल

रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू में जहरीले केमिकल मिले होते हैं जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे सेवन करने वाले व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. टीबी के ऐसे मरीज जो तंबाकू का सेवन करते हैं उनमें मृत्यु का अंदेशा 38 प्रतिशत अधिक हो जाता है.

स्मोकिंग से कोविड-19 होने का खतरा अधिक

स्मोकिंग करने से भी कोविड-19 होने का खतरा अधिक है. स्मोकिंग और किसी भी रूप में तम्बाकू लेने पर सीधा असर फेफड़े के काम करने की क्षमता पर पड़ता है. इससे सांस संबंधी बीमारियां बढ़ती हैं. संक्रमण होने पर कोरोना सबसे पहले फेफड़ों पर ही अटैक करता है, इसलिए इसका मजबूत होना बेहद जरूरी है. वायरस फेफड़े की कार्यक्षमता को घटा देता है.

मौत का भी बढ़ जाता है खतरा

अब तक की रिसर्च के मुताबिक धूम्रपान करने वाले लोगों में वायरस का संक्रमण और मौत दोनों का खतरा ज्यादा है. सिगरेट, सिगार, बीड़ी, वाटरपाइप और हुक्का पीने वालों पर कोविड-19 का रिस्क ज्यादा है. सिगरेट पीने के दौरान हाथ और होंठ का इस्तेमाल होता है और संक्रमण का खतरा रहता है. वहीं एक ही हुक्का को कई लोग इस्तेमाल करते हैं जो कोरोना का संक्रमण सीधे तौर पर एक से दूसरे इंसान में पहुंचा सकता है.

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