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कोरोना महामारी से आपकी लड़ाई को कमजोर बनाता है धूम्रपान

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लाइफ़स्टाइल डेस्क। कोविड-19 महामारी ने हमें एक नए तरह से जीवन जीने और स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर रखने के पुराने व्‍यवहार को अपनाने पर मजबूर कर दिया है। इसने पुरानी हानिकारक आदतों को भी नियंत्रित करने के प्रति चेताया है, जो न केवल स्‍वयं के बल्कि दूसरे अन्‍य व्‍यक्तियों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक हैं और देश के आर्थिक-सामाजिक संकेतकों को नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसी ही एक हानिकारक आदत है सिगरेट-बीड़ी या तंबाकू का सेवन।

डब्‍ल्‍यूएचओ द्वारा अप्रैल 2020 में सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों से एकत्रित अध्‍ययनों के हालिया विश्‍लेषण में यह पाया गया है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में कोविड-19 के साथ कई घातक बीमारियां विकसित होने का खतरा अधिक है। इस तरह के कई साक्ष्‍य सामने आ चुके हैं, जो बताते हैं कि धूम्रपान और तंबाकू उत्‍पादों के निरंतर उपयोग के कारण होने वाले हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी गैर-संचारी बीमारियों से प्रभावित फेफड़े कोविड-19 से संक्रमित होने वाले लोगों के लिए गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के उच्‍च जोखिम को बढ़ाते हैं।

इस महामारी में, लंबे समय तक सामाजिक दूरी, कार्य-जीवन के बीच खराब संतुलन, तनावपूर्ण पारस्‍परिक संबंध, व्‍यक्तिगत समय की कमी, कमजोर सहनशीलता कौशल, पहले से मौजूद मनोवैज्ञानिक स्थितियां, वित्‍तीय संकट  और रोजगार की असुरक्षा जैसे कुछ कारक हैं, जो लोगों को सिगरेट, बीड़ी और अन्‍य तंबाकू उत्‍पादों का अधिक उपयोग करने के लिए मजबूर करते हैं। इसलिए, वर्तमान परिस्थितियों में तंबाकू नियंत्रण उपायों पर सरकार द्वारा  ध्‍यान देना महत्‍वपूर्ण हो गया है।

भारत जैसे देश में, तंबाकू से हर साल 13 लाख लोगों की मृत्‍यु होने का अनुमान है। डब्‍ल्‍यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक, तंबाकू खाने वाले अधिकांश लोगों की मृत्‍यु का कारण हृदय रोग  होते हैं। 2018 के मुताबिक इससे 4,49,844 लोगों की जान गई है। तंबाकू के उपयोग के कारण गैर-संचारी रोगों की उच्‍च व्‍यापकता कोविड-19 को नियंत्रित करने के देश के प्रयासों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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