नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को किसान आंदोलन मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को एक बार फिर घेरा है। राहुल ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि किसान आंदोलन में अब तक 22 किसानों की मौत हो चुकी है। राहुल ने अखबार की एक कटिंग साझा कर लिखा- और कितने अन्नदाताओं को कुर्बानी देनी होगी? कृषि विरोधी कानून कब खत्म किए जाएंगे?
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और कितने अन्नदाताओं को क़ुर्बानी देनी होगी?
कृषि विरोधी क़ानून कब ख़त्म किए जाएँगे? pic.twitter.com/ODdgUwLaLZ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 18, 2020
राहुल की साझा की गई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बठिंडा के जय सिंह, जतिंदर सिंह, नवांशहर के गुरप्रीत सिंह, सुरिंदर सिंह, राजकुमार, लुधियाना के भाग सिंह, अजनाला के बलवीर सिंह, मोगा के मक्खन सिंह, मेवा सिंह, सनौर के लाभ सिंह, गुरजिंदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब के सुखदेव सिंह, नाभा के पाल सिंह, मानसा के गुरजंट सिंह, धन्ना सिंह, तलवंडी साबो के लखबीर सिंह, होशियारपुर के कुलबिंदर सिंह, समाना के भीम सिंह और खन्ना के रविंदर पाल की मौत हो चुकी है.
इससे पहले कांग्रेस ने दिल्ली के निकट किसानों के विरोध प्रदर्शन वाले स्थान के करीब सिख संत बाबा राम सिंह के कथित तौर पर खुदकुशी करने को लेकर बुधवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उसे अपनी जिद छोड़कर तत्काल ‘कृषि विरोधी’ कानूनों को वापस लेना चाहिए।
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पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं और श्रद्धांजलि। उन्होंने कहा कि कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है। जिद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी कानून वापस लो।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘हे राम, यह कैसा समय ! ये कौन सा युग !! जहां संत भी व्यथित हैं. संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा देखकर अपने प्राणों की आहुति दे दी। ये दिल झकझोर देने वाली घटना है। प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे। उन्होंने आरोप लगाया, ‘संत की मृत्यु, मोदी सरकार की क्रूरता का परिणाम है।