समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर विशेष सचिव पंचायतीराज राकेश कुमार को निदेशक के पद पर तैनाती दी गई है। जबकि, बालकृष्ण त्रिपाठी को विशेष सचिव पंचायतीराज बनाया गया है। प्रमुख सचिव, समाज कल्याण बीएल मीणा के पत्र पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बाबत निर्देश दे दिए हैं।
पिछले काफी समय से प्रमुख सचिव समाज कल्याण और निदेशक के बीच तनातनी चल रही थी। कुछ समय पूर्व निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी ने मुख्य सचिव से मिलकर बीएल मीणा के रवैया की शिकायत की थी। वहीं बीएल मीणा ने वित्तीय अनियमितता समय कई मुद्दों पर बालकृष्ण त्रिपाठी से जवाब तलब किया।
डबल मर्डर से दहली ताजनगरी, घर में घुसकर मां-बेटी की निर्मम हत्या
हाल ही में छात्रवृत्ति योजना से संबंधित 25 फरवरी के एक शासनादेश के कारण यह तनातनी चरम पर पहुंच गई। इस शासनादेश में कहा गया था कि बिना शत-प्रतिशत सत्यापन के किसी भी निजी संस्थान के विद्यार्थियों को योजना का लाभ न दिया जाए। इस शासनादेश का हवाला देते हुए समाज कल्याण निदेशालय ने निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को धनराशि हस्तांतरित करने से इंकार कर दिया। धनराशि हस्तांतरण की कार्यवाही तभी शुरू हो सकी, जब शासन ने एक नया आदेश जारी किया। जबकि, बीएल मीणा का कहना था 25 फरवरी के शासनादेश के आधार पर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में भुगतान को रोकने की कोई तुक नहीं बनती।
सीएम योगी ने महिला दिवस पर दीबधाई, बोले- प्रदेश की प्रगति में मातृशक्ति की भागीदारी अविस्मरणीय
बीएल मीणा ने नोटशीट पर लिखा कि बालकृष्ण त्रिपाठी लूट की खुली छूट चाहते हैं। भुगतान न होने पर अगर उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दायर होता है, तो इसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे। साथ ही पूरी स्थिति से नियुक्ति विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराने के लिए भी लिखा।
उनके पत्र के आधार ही निदेशक, समाज कल्याण बाल कृष्ण त्रिपाठी को हटाने व विशेष सचिव पंचायती राज राकेश कुमार को निदेशक समाज कल्याण बनाने के निर्देश दिए गए हैं।