पटना: बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षियों को मात देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। यही कारण है कि विपक्ष को घेरने के लिए वह सारी रणनीतियां तैयार की हैं, जिससे विपक्ष को चुनाव में नुकसान पहुंचाया जा सके। इस बीच, समाजवादी नेता शरद यादव के भी फिर से जेडीयू में लौटने की चर्चा शुरू हो गई है।
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सूत्रों के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव कुछ दिनों पहले बीमार थे और 30 अगस्त को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से वापस घर लौटे हैं। जल्द ही इनके बिहार आने की संभावना है।
लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश महासचिव राजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि शरद यादव बीते दिनों बीमार हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने घर को लौट आयें। वे जल्द ही बिहार आयेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका भी अहम होने वाली है।
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इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शरद यादव को फोनकर हालचाल जाना है। इसके बाद शरद यादव के जेडीयू में फिर से शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। इधर, सूत्रों का दावा है कि जेडीयू के बड़े नेता भी शरद यादव से जाकर मिल चुके हैं। इसके बाद जेडीयू में उनके लौटने की संभावना को और बल मिला है।
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गौरतलब है कि शरद यादव ने जेडीयू से नाता तोड़कर 2018 में अपनी नई पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे महागठबंधन का हिस्सा थे और इसी के बैनर तले मधेपुरा से चुनाव भी लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार आरजेडी से गठबंधन टूटने के बाद नाखुश यादव मतदाताओं को फिर से अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं। यही कारण है कि वे शरद यादव को फिर से जेडीयू में लाना चाहते हैं। इस संबंध में जेडीयू के नेता हालांकि खुलकर कुछ भी नहीं कह रहे हैं। जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन कहते हैं कि शरद यादव वरिष्ठ समाजवादी नेता हैं। उनकी राजनीति में अलग पहचान है।
कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा भी जेडीयू के साथ हो गई है। अब देखने वाली बात होगी कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव की लोकतांत्रिक जनता दल मांझी के रास्ते चल कर जेडीयू के साथ आती है या एलजेडी का विलय होगा।