मिर्जापुर। अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर पांच अगस्त को होने वाले शिलान्यास में बिन्ध्य क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी माँ बिन्ध्यवासिनी देवी के चरणों की मिट्टी और जल भी भेजा गया है।
काशी प्रयाग के मध्य बिन्ध्य पर्वत पर स्थित बिन्ध्याचल धाम की प्रतिष्ठा देश विदेश में है। मान्यता है कि भगवान राम ने इसी तपोभूमि पर अपने पिता का पिंडदान किया था। रामगया घाट और सीता कुंड की मान्यता जन जन मे है। शिलान्यास के लिए देशभर की पवित्र नदियों का जल एवं मिट्टी अयोध्या लायी जा रही है। स्थानीय विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने विधिवत पूजन अर्चन कर मां के चरणो में जल और मिट्टी चढा कर अयोध्या भेजा है।
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असल में बिन्ध्याचल में बिन्ध्य पर्वत और मां गंगा का मिलन होता है। बिन्ध्य पर्वत के इस मिलन के कारण ही गंगा पश्चिम की ओर जाती है। वर्ना गंगा नदी दक्षिण की ओर जाती। बिन्ध्य और गंगा के इस मिलन का उल्लेख पुराणों आदि धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है।
विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष श्री रामचंद्र शुक्ल ने गुरूवार को यहां बताया कि वैदिक रीति रिवाजों के अनुसार पूजन कर जल और मिट्टी भेजी गयी है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थल पर मां लक्ष्मी के रूप में भगवती बिन्ध्यवासिनी विराजमान हैं। इस स्थल की महत्ता इस अवसर पर और बढ़ जाती है।
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उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में बजरंग दल के भी कार्यकर्ता शामिल थे। बिन्ध्याचल की मिट्टी और जल भेजने की सूचना पर स्थानीय निवासियों में भी खुशी की लहर हैं। यह अनायास नहीं है। अयोध्या में देशभर से मिट्टी और जल भेजे जाने की सूचना मिल रही थी। पर बिन्ध्य घाम का प्रतिनिधित्व न होना उन्हें साल रहा था। अब विश्व हिन्दू परिषद के इस योजना से उनके चेहरे पर मुस्कान ला दी है।