सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन लोग व्रत रखते हैं। इस दिन अविवाहित लोग यदि भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं, तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इससे जीवन में चल रहे दुखों से छुटकारा मिलता है। इस बार यह व्रत 20 मई 2024, सोमवार को रखा जाने वाला है। सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष के नाम से जाना जाता है।
सोम प्रदोष (Som Pradosh) व्रत तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई 2024 दिन सोमवार को दोपहर 3 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ होगी। यह तिथि अगले दिन यानी 21 मई, मंगलवार को शाम 5 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। इस तरह साल का पहला सोम प्रदोष (Som Pradosh) व्रत 20 मई को रखा जाएगा।
सोम प्रदोष (Som Pradosh) व्रत सामग्री लिस्ट
लाल या पीला गुलाल, दूध, पवित्र जल, गंगाजल, शहद, अक्षत, कलावा, चिराग, फल, फूल, सफेद मिठाई, कनेर का फूल, आसन, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, बेल पत्र, धागा, कपूर, धूपबत्ती, घी, नया वस्त्र, प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक, शिव चालीसा, पंचमेवा, घंटा, शंख, हवन सामग्री।
सोम प्रदोष (Som Pradosh) व्रत महत्व
सोम प्रदोष (Som Pradosh) का हिंदुओं में बहुत महत्व रखता है। यह दिन पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस दिन शिवजी के निमित्त व्रत रखा जाता है और मंदिर जाकर रुद्राभिषेक भी किया जाता है। इस दिन पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ व्रत रखने से विशेष कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन कुछ लोग भगवान शिव के उग्र रूप नटराज की पूजा भी करते हैं।