• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

पितृ श्राप से मुक्ति का दिन है सोमवती अमावस्या, जानें पूजा विधि और महत्व

Desk by Desk
10/04/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, राष्ट्रीय
0
Pitru-Paksha

Pitru-Paksha

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हिन्दू धर्म में पितृ श्राप से मुक्ति एवं उनके आशीर्वाद प्राप्ति की सर्वाधिक महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। इस वर्ष ये तिथि चैत्र अमावस्या 12 अप्रैल, सोमवार को है। आश्विन माह के पितृपक्ष की तरह ही चैत्र कृष्ण पक्ष को भी श्राद्ध-तर्पण के लिए श्रेष्ठ माना गया है और चैत्र माह की अमावस्या को पितृ विसर्जन की ही तरह श्रेष्ठ फलकारक माना गया है। इस तिथि के दिन संयोगवश सोमवार हो तो यह अद्भुत पुण्यफल देने वाली तिथि बन जाती है। ज्योतिषीय के अनुसार आत्मा के स्वामी सूर्य और मन के स्वामी चंद्र जब एक ही राशि में आ जाते हैं तो अमावस्या होती है।

इसी तिथि के दिन प्राणियों में सहज वैराग्य का भाव जागृत होता है क्योंकि मन और आत्मा के एकाकार होने से चित्त कुछ पलों के लिए निर्मल और एकाग्र हो जाता है तभी इन तिथियों को साधना के लिए श्रेष्ठ कहा गया है। सूर्य और चन्द्र के संयोग से ही पूर्णिमा और अमावस्या की तिथियों का निर्धारण होता है। जब ये दोनों ग्रह भ्रमण करते हुए परस्पर 180 अंश पर तब पूर्णिमा होती है और एक साथ आ जाते हैं तो अमावस्या होती है।

बैंक ऑफ बड़ौदा में 511 पदों पर वैकेंसी, योग्यता व पदों के लिए यहां देखें डिटेल

भगवान शिव ने कृष्ण पक्ष से लेकर अमावस्या तक का अधिभार पितरों को एवं शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक का अधिभार देवों को दिया हैं। इसीलिए पितृ से सम्बंधित सभी श्राद्ध-तर्पण आदि कार्य अमावस्या तक और सकाम अनुष्ठान अथवा बड़े यज्ञ आदि कार्य शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक के मध्य किये जाते हैं। इन सभी युतियों में आश्विन अमावस्या और चैत्र की अमावस्या में सूर्य एवं चन्द्र का मिलन श्रेष्ठ माना गया है।

इस तिथि के दिन संयोगवश सोमवार भी तो प्राणी मात्र के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं है। इस महापुण्यदायक तिथि के दिन हमारी वाणी के द्वारा किसी के लिए अशुभ शब्द न निकले इसका सदैव ध्यान रखना चाहिए। उसका कारण यह है कि इस दिन मन, कर्म तथा वाणी के द्वारा भी किसी के लिए अशुभ नहीं सोचना चाहिए।

Tags: 24ghante online.comNational newsNEWSnews in hindipitru pakshaSomavati Amavasyaताजा समाचारहिंदी समाचारहिन्दू धर्म
Previous Post

बैंक ऑफ बड़ौदा में 511 पदों पर वैकेंसी, योग्यता व पदों के लिए यहां देखें डिटेल

Next Post

कोरोना के खौफ के कारण भीड़भाड़ वाले सीन्स की शूटिंग पर रोक : FWICE

Desk

Desk

Related Posts

CM Dhami
राजनीति

प्रधानमंत्री के रूप में 11 वर्षों का स्वर्णिम कार्यकाल देश और दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत: सीएम धामी

10/06/2025
cm dhami
Main Slider

मेक इन इंडिया की ताकत से निर्यात के क्षेत्र में भारत की भागीदारी तेजी से बढ़ी: सीएम धामी

10/06/2025
CM Yogi
Main Slider

सालार मसूद को ऐसी सजा हुई, जो इस्लाम के अनुसार जहन्नुम में जाने की गारंटी देता हैः योगी

10/06/2025
DM Savin Basnal
राजनीति

डीएम जन दर्शन यानि न्याय, शिक्षा, रोजगार की गांरटी

10/06/2025
CM Yogi
Main Slider

ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से सबने देखी पाकिस्तान में टेस्टेड और दुनिया के द्वारा ट्रस्टेड भारत की सैन्य ताकत: सीएम योगी

10/06/2025
Next Post
movie-shooting

कोरोना के खौफ के कारण भीड़भाड़ वाले सीन्स की शूटिंग पर रोक : FWICE

यह भी पढ़ें

hindu in pakistan

पाक की अल्पसंख्यक महिलायें चीन में दुल्हन बनने के लिए मजबूर : अमेरिका

09/12/2020
accident

ट्रैक्टर-कार में भीषण टक्कर, आठ माह की बच्ची समेत तीन की मौत

25/11/2021
गाेविन्दाचार्य

गांवो से गरीबी नही हटी, लेकिन गैरबराबरी और बढ़ गई : गोविन्दाचार्य

13/09/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version