नगर निगम की चहारदीवारी के पास झोपड़ी डालकर रह रहे इंद्रपाल और गीता का 22 दिन का बेटा बृहस्पतिवार रात किसी ने चुरा लिया। गीता बच्चे के साथ झोपड़ी के बाहर सोई हुई थी। इंद्रपाल और गीता के कई चक्कर काटने के बाद शनिवार देर शाम कोतवाली पुलिस ने बच्चे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की। पति-पत्नी खुद भी बच्चे की तलाश में भटक रहे हैं।
इंद्रपाल महोबा में थाना अजनर के गांव महुआबांध के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि काफी गरीब होने की वजह से मेहनत-मजदूरी के लिए बरेली आए थे। कुछ महीने पहले नगर निगम की चहारदीवारी के पास उन्होंने झोपड़ी डाल ली थी। तब से पत्नी गीता और सात बच्चों के साथ यहीं रह रहे हैं। झोपड़ी में जगह कम होने की वजह से कुछ बच्चे पास ही पड़े बड़े-बड़े ह्यूम पाइप में भी सो जाते हैं। गुजारे के लिए वह खुद रिक्शा चलाते हैं जबकि गीता कभी-कभी भीख मांग लाती है।
बकौल इंद्रपाल, बृहस्पतिवार को महानवमी की वजह से भीख मांगने निकली गीता रात करीब 12 बजे लौटी। थकान की वजह से खाना खाकर रात करीब एक बजे झोपड़ी के बाहर ही सो गई। 22 दिन का बेटा भी गीता के पास ही था। रात करीब तीन बजे गीता की आंख खुली तो देखा कि उसने बाबू को गायब पाया। आसपास ढूंढने के बाद भी कुछ पता नहीं चला तो रात को ही कोतवाली जाकर शिकायत की तो पुलिस वालों ने खुद बच्चे ढूंढने की बात कहकर लौटा दिया।
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इंद्रपाल ने बताया कि रात में शिकायत के बावजूद पुलिस ने बच्चे को नहीं खोजा। शुक्रवार सुबह चीता मोबाइल के दो सिपाही पहुंचे और पूछताछ करके लौट गए। इसके बाद पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया। वे खुद ही बच्चे की तलाश में भटकते रहे। शनिवार को वे लोग फिर कोतवाली पहुंचे लेकिन पुलिस ने नहीं सुनी। इसके बाद उन्होंने डीएम और एसएसपी कार्यालय में पत्र देने के साथ मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा और बच्चे की तलाश कराने की गुहार लगाई है। इंद्रपाल का कहना है कि वे लोग बहुत गरीब हैं और उनके पास मोबाइल भी नहीं है। इस वजह से उनके पास बच्चे का कोई फोटो भी नहीं है।
इंद्रपाल का कहना है नगर निगम के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस ने उनकी जांच भी कराई ताकि बच्चा चोरी करने वाले का कुछ सुराग लग सके लेकिन कार्य जारी होने के चलते कैमरे बंद मिले। कोतवाली इंस्पेक्टर हिमांशु निगम का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है।