सावन मास में भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए हर पल अवसर ही अवसर है। सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) 17 जुलाई 2023 को है। शिव साहित्य में सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व बताया गया है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस सोमवती अमावस्या के दिन कई शुभ संयोग बन रहे है। ऐसे में इस शुभ दिन अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए विधि विधान से उनकी पूजा करनी चाहिए इसके साथ् ही कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना चाहिए। भक्त गण सोमवती अमावस्या पर पूजा करके जीवन की सब परेशानियों से छुटकारा पा सकते है।
सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार इस साल सोमवती अमावस्या के दिन बेहद ही शुभ संयोग बन रहा है। इस संयोग में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सुबह 7 बजकर 58 मिनट पर हर्षण योग बन रहा है जिसे बेहद शुभ माना जाता है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इसके अलावा 17 जुलाई को सावन के दूसरे सोमवार का भी व्रत रखा जाएगा।
सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) का महत्व
सावन में आने वाली अमावस्या यानि सोमवती अमावस्या महिलाओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव का पूजन करती हैं। मान्यता हैं ऐसा करने से उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
इस दिन शिवलिंग पर दूध व गंगाजल से अभिषेक किया जाता है और पितरों की पूजन भी किया जाता है। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान व दान का भी विशेष महत्व माना गया है। लोगों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों को दान अवश्य करना चाहिए।
सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) पूजन विधि
सुबह स्नान आदि के बाद काले तिल जल में डालकर सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से सफाई कर लें और फिर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
इसके बाद शिवलिंग का अभिषेक करें और उन्हें बेलपत्र, भांग, धतूरा, और फूल आदि अर्पित करें।
अंत में शिव चालीसा और शिवमंत्रों का जप करते हुए रुद्राक्ष की एक माला करें।
पूजा समापन के बाद ब्राह्मणों को कुछ दक्षिणा जरूर दें।
सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) पर दान
1. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जिस दिन सोमवती अमावस्या हो, उस रोज अपने पितरों का ध्यान करके धोती, गमछा, बनियान आदि वस्त्रों का दान करें। इससे आपके पितृ प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
2. सोमवती अमावस्या को स्नान के बाद काले तिल का दान करना चाहिए।
3. सोमवती अमावस्या पर ग्रहों की शांति के लिए सप्तधान्य का दान कर सकते हैं। इसमें चावल, गेहूं, जौ, काला चना, सफेद तिल, मूंग दाल आदि शामिल होते हैं। चावल से चंद्रमा, गेहूं से सूर्य, काला चना से शनि, सफेद तिल से शुक्र, हरी मूंग से बुध और मसूर दाल से मंगल ग्रह मजबूत होते हैं। इनसे जुड़े दोष दूर होते हैं।
4. सोमवती अमावस्या पर अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं जैसे दूध, चावल, चांदी, सफेद वस्त्र आदि का दान कर सकते हैं।
5. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों के नाराज होने से पितृ दोष लगता है। इससे मुक्ति के लिए आप भूमि का दान कर सकते हैं। हालांकि यह सबके क्षमता की बात नहीं है।