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किसान आन्दोलन में बेटा हुआ शामिल, पूर्व सैनिक पिता ने किया जायदाद से बेदखल

kisan andolan

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देश में बडे पैमाने पर पिछले कई महीनो से चल रहे किसान आन्दोलन मेंभागीदारी करना किसी को इतना भारी पड जायेगा शायद हमीरपुर के इस व्यक्ति ने सोचा भी नही होगा। उसके इस काम से बुरी तरह नाराज उसके सैनिक पिता ने उसे अपने पूरे जायदाद से ही बेदखल कर दिया। हैरानी तो इस बात की रही कि यह व्यक्ति अपने पिता का इकलौता बेटा था।

भारतीय सेना से वर्ष 2005 में सेवानिवृत हुए जिले के उपमंडल बडसर के जमली गावं निवासी अजमेर सिंह केा अपने बेटे परमजीत सिंह का किसान आन्दोलन में भाग लेना इतना नागवार गुजरा कि उन्होनें अपने इकलौते बेटे परमजीत को अपने चल अचल संम्पत्ति से पूरी तरह बेदखल कर दिया। पूर्व सैनिक अजमेर सिंह ने कृषि कानूनों का यह कहते हुए समर्थन किया कि कानूनो से किसानों का बहुत बडा हित होगा उन्हेें इस कानूनों से किसी भी प्रकार का नुकसान नही बल्कि कई तरह से फायदा ही होगा और उनकी जीवनशैली उच्च स्तर की हो सकती है।

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हैरानी तो इस बात की हुयी कि उन्होनें अपने इकलौते बेटे को कोसते हुए उसे देशद्रोही तक करार देते हुए पुलिस से कहा है कि आन्दोलन में शामिल उसके देशद्रोही बेटे को इतना मारा जाये कि उसकी सारी हडिडया चूर चूर हो जायें। मिल रही जानकारी के अनुसार अपने सेवानिवृति के बाद खेती करने के साथ साथ एक दुकान चलाने वाले अजमेर सिंह का परमजीत इकलौता बेटा है जिस उन्होनें एक समाचार चैनल में बयान देते समय उन्होे पहचाना जिसमें वह प्रधानमंत्रीऔर केन्द्र सरकार के विरूद्व नारेबाजी करता नजर आ रहा था।

उन्होनें एक चैकानी वाली बता बतायी जिसने एक तरह से इस आन्दोलन की पोल ही खोल कर रख दी। उन्होनें कहा कि परमजीत को खेती बाडी का कुछ भी ज्ञान नही है उसे तो इतना भी पता नही कि किस मौसम मे कौन सी फसल बीजी जाती है वह तो घर मे बैठकर हराम का खाता ही रहता है कुछ काम धाम भी नही करता। अजमेर सिंह का यह बयान इा बात का प्रमाण है  इस आन्दोलन से जुूडे लोगों को किसानी खेती बाडी से कोई लेना देना नही है वह तो मात्र अपने कुछ छुद्र हितो के लिए किसानों का अहित करने पर तुले है।

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