सोनभद्र के पन्नूगंज थाना क्षेत्र के परसिया गांव में गुरुवार की देर शाम कुछ लोगों के द्वारा मकान बनाने के लिए पास के ही जमीन से खुदाई कर के मिट्टी निकाल रहे थे, तभी अचानक मिट्टी में दबी हुई काले रंग की कुछ दुर्लभ प्रतिमाएं मिलीं। आनन फानन खबर आस पास के गांवों तक फैल गयी जिसके बाद मूर्ति देखने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी।
स्थानीय ग्रामीणों की माने तो मूर्ति अति प्राचीन प्रतीत होती है। जो कि किसी देवी देवताओं की कृपा के कारण मिली है। वहीं, कुछ ग्रामीणों का मानना है कि स्थानीय तौर पर ये गांव नल राजा के अधीनस्थ था, जिसकी वजह से ये प्रतिमाएं नल राजा ने लगवाई होंगी। फिलहाल जो भी कारण हो देवी देवताओं की प्रतिमाएं मिलने से क्षेत्र के नागरिकों का आवागमन के साथ पूजा पाठ भी शुरू हो गया है। वहीं, स्थानीय पन्नूगंज थाना प्रभारी व उच्च अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दे दी गयी है। अब देखना है कि, पुरातत्व विभाग से क्या कोई अधिकारी इस मूर्तियों के विषय में जानकारी करने आता है कि नहीं, क्षेत्रवासियों में कौतूहल का विषय बना हुआ है।
लोगों ने पूजा-पाठ शुरू कर दी
बता दें कि, पन्नूगंज थाना क्षेत्र के परसिया गांव निवासी पारस गिरी अपने मकान बनाने के लिए मिट्टी की खुदाई करवा रहे थे। तभी खुदाई के दौरान एक चीज टकराई जब उसको बाहर निकाला गया तो वो काफी पुरानी काले रंग की प्रतिमा थी। प्रतिमा को साफ सुथरा करवाने के बाद पता चला कि, कई देवी देवता की मूर्ति उस प्रतिमा में बना हुआ है। प्रतिमा में भगवान शंकर, पार्वती, हनुमान, विष्णु आदि देवताओं की मूर्ति दिख रही है। जिसके बाद क्षेत्र में मूर्ति मिलने की सूचना आग की तरह फैल गयी। फिलहाल ग्रामीणों ने पारश गिरी के मकान के बाहर ही प्रतिमा को धो पोछकर रखकर पूजा पाठ शुरू कर दिया है। वहीं, इसकी सूचना स्थानीय पुलिस व उच्च अधिकारियों को दे दी गई है। वहीं, मौके पर अभी तक कोई अधिकारी नहीं पहुँचा है।
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कई देवी देवताओं की मूर्ति
वहीं, पारश गिरी ने बताया कि, मकान बनाने के लिए मिट्टी निकाल रहे थे खुदाई के दौरान काले रंग की लगभग दो फीट की मूर्ति मिली है। मूर्ति में शंकर, पार्वती , विष्णु , हनुमान सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बनी हुई है। इस मूर्ति के मिलने से कुछ लोग देवी कृपा तो कुछ लोग नल राजा के नजदीक होने की कारण यह मान रहे हैं। नल राजा के नजदीक होने के कारण यह पुरानी मूर्तियां मिली हैं। हम लोगों के द्वारा इसकी सूचना पन्नूगंज थाना के प्रभारी को दी गयी है। वहीं, अभी तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है. ये मूर्ति देखने से आदि कालीन लगती हैं। ऐसी मूर्ति शिवद्वार, खजुराहो व अन्य देश के कुछ जगहों पर देखने को मिलती हैं।
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स्थानीय ग्रामीण सूरज गिरी ने बताया कि मूर्ति अति प्राचीन लग रही हैं, जो कि काले रंग के पत्थर से बना हुआ है। वहीं, अगर कुछ लोगों की माने तो मूर्ति 13वीं सदी की लग रही है। हालांकि, ये जांच का विषय है। वहीं, कुछ ग्रामीणों ने जानकारी दी कि, नल राजा का यहां राज पाठ था। हो सकता है कि, नल राजा ने भगवान की मूर्ति स्थापित करवाई हो। जो भी कारण है हम लोगों ने मूर्ति को खूब अच्छी तरह धो कर पूजा पाठ करके मूर्ति को रख दिया है।
वहीं, शोधकर्ता व इतिहासकार दीपक कुमार केशरवानी ने बताया मूर्ति भगवान विष्णु के दशाअवतार की लग रही है। वहीं, एक ही प्रतिमा में भगवान विष्णु के दस अवतार को दिखाया गया है और ये मूर्ति देखने से आठवीं से दशवीं शताब्दी की लग रही है।