नई दिल्ली। 12 साल की बच्ची को किडनैप कर उसे जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने की दोषी सोनू पंजाब को आज दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने 24 साल की सजा सुना दी। सोनू के साथी संदीप बेदवाल को 20 साल की सजा हुई है। द्वारका पोस्को कोर्ट ने सोनू और संदीप को अपहरण, देह व्यापार और मानव तस्करी के मामले में दोषी ठहराया है।
ये पहला मामला है जिसमें सोनू पंजाबन को पोक्सो कोर्ट ने सजा सुनाई गई है। दरअसल, ये पूरा मामला 12 साल की एक नाबालिग से जुड़ा है। दोषी संदीप बेदवाल ने साल 2009 में नाबालिग को प्यार और शादी का झांसा देकर सीमा नाम की एक महिला के घर ले गया।
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नाबालिग के मुताबिक, वहीं पर दोषी संदीप ने नाबालिग के साथ रेप किया और फिर उसे सीमा नाम की महिला को बेच कर चला गया। सीमा ने नाबालिग से जबरन देह व्यापार कराया। इस बीच लड़की को कई बार बेचा गया।
मामला दिल्ली के हरीश विहार थाने का है। एफआईआर के मुताबिक 11 सितंबर 2009 को पीड़ित लड़की का अपहरण किया गया था। लड़की के पिता की तरफ से द्वारका कोर्ट में पेश बर्थ सर्टिफिकेट के अनुसार पीड़ित की जन्म तिथि 9 नवंबर 1996 में थी यानी घटना के वक्त उसकी उम्र महज 12 साल 10 महीने और 2 दिन थी।
अगर सोनू पंजाबन की क्राइम फाइल की बात करें तो लड़कियों के देह के धंधे में उतारने के लिए सोनू पंजाबन ने कुछ लोगों को काम पर रखा। इनकी सैलरी 25000 से लेकर 75000 रुपये महीने होती थी. इन लोगों का काम होता था पब और बार में जाना और ऐसी लड़कियों की तलाश करना जो यहां आना तो पसंद करती हैं लेकिन उनकी हैसियत ऐसी नहीं है।