नई दिल्ली| बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद प्रवासी मजदूरों के मसीहा बने हैं। वह पिछले कुछ महीनों से लॉकडाउन के कारण फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचा रहे हैं। खुद अपने खर्चे पर बस, ट्रेन और फ्लाइट के जरिए मजदूरों को देश के अलग-अलग राज्यों में पहुंचा रहे हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने इंडस्ट्री के शुरुआती करियर पर बात की। बताया कि उन्हें किस तरह साउथ फिल्म में पहला ब्रेक मिला था।
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सोनू कहते हैं कि मेरा पहला ब्रेक तमिल फिल्म में रहा। मुझे याद है कि कारगो पैंट और टीशर्ट पहनकर मैं प्रोड्यूसर से मिलने पहुंचा था। उसने कहा कि मैं मेकअप रूम में जाकर इंतजार करूं। बाद में वह डायरेक्टर के साथ वापस आया। मुझसे टीशर्ट उतारने को कहा। मैंने जब टीशर्ट उतारी तो उसने कहा, ‘फिजीक अच्छी है। तुम्हें फिल्म में काम मिल रहा है।’, तो इस तरह मुझे मेरा पहला रोल मिला था।
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बताते चलें कि सोनू सूद जरूरतमदों की हर तरह से मदद कर रहे हैं। हाल ही में वह ‘द माउंटेन मैन’ के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी के परिवार की मदद के लिए सामने आए। इस बात की जानकारी एक्टर ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए दी। खबरों की मानें तो कोरोना वायरस के कहर की वजह से बिहार के माउंटेन मैन दशरथ मांझी का परिवार बुरे दौर से गुजर रहा है। उनके परिवार के पास एक बच्ची के इलाज कराने के लिए पैसे नहीं है। प्रशासन से गुहार लगाई गई लेकिन किसी ने नहीं सुनी। ऐसे में परिवार को हजारों का कर्ज लेना पड़ा, लेकिन इसके बाद भी उन्हें बेहतर इलाज नहीं मिल सका। हालांकि अब सोनू सूद उनकी मदद के लिए खुद सामने आए हैं।