पिछले साल लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के लिए मसीहा बनकर उभरे फिल्म अभिनेता सोनू सूद अब उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के लाल के मददगार बने हैं। नोएडा के निजी अस्पताल में मौत से लड़ रहे कोरोना संक्रमित भाई की जिंदगी बचाने के लिए बहन रेनू ने सोनू सूद को ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई थी। उनकी पुकार पर सोनू सूद ने रेनू के भाई को एयर एंबुलेंस से हैदराबाद शिफ्ट कराया है, जहां हितेश के फेफड़े ट्रांसप्लांट किए जाएंगे।
डॉ. रामस्वरूप कॉलोनी निवासी सुमन शर्मा बिजली विभाग से सेवानिवृत्त थे। परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं। दूसरी लहर में उनका परिवार संक्रमित हो गया था। अप्रैल में सबसे पहले उनका बड़ा बेटा हितेश (44) संक्रमित हुआ। इसके बाद परिवार के दूसरे सदस्य पॉजिटिव हो गए। छह मई को सुमन शर्मा का निधन हो गया। एक दिन बाद आठ मई को उनकी पत्नी अरुणा शर्मा का भी निधन हो गया। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
बड़ा बेटा हितेश और छोटा बेटा अंकित भी संक्रमित हो गए थे। दोनों अस्पताल में भर्ती थे। संक्रमण के चलते अंकित के पैर काटने पड़े। वहीं, दो महीने मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती रहे हितेश के फेफड़े खराब हो गए थे। बाद में हितेश को नोएडा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हितेश की बड़ी बहन रेखा और छोटी बहन रेनू को कुछ सूझ नहीं रहा था।
एक ओर भाई की जिंदगी की आस टूटने लगी थी तो दूसरी ओर मदद के लिए कोई सहारा नहीं दिख रहा था। ऐसे हालात में 11 जुलाई को बहन रेनू ने ट्वीट कर फिल्म अभिनेता सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई। उन्हें अपने भाई की स्थिति बताते हुए लंग ट्रांसप्लांट के लिए मदद मांगी। 12 जुलाई को ट्वीट पढ़ने के बाद सोनू सूद मदद के लिए आगे आए। सोनू सूद ने 15 जुलाई को हितेश को एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल में शिफ्ट कराया, जहां हितेश का इलाज शुरू कर दिया गया है।
कोरोना से हितेश के मात-पिता का निधन हो गया था। उस वक्त हितेश अस्पताल में भर्ती था। छोटी बहन रेनू ने फिल्म अभिनेता सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई। रेनू की पुकार पर सोनू सूद ने एयर एंबुलेंस से हितेश को हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल में भर्ती कराया है, जहां उसके फेफड़े ट्रांसप्लांट किए जाएंगे।
– आशुतोष शंखधार, हितेश के रिश्तेदार
16 घंटे में दिया जवाब
अभिनेता सोनू सूद ने हितेश की मदद में कोई देरी नहीं की। रेनू के ट्वीट के बाद ही सोनू सूद की एनजीओ ने अपनी कवायद शुरू कर दी थी। सोनू सूद ने 16 घंटे बाद इंतजाम पूरे होने पर ट्वीट किया। ट्वीट करके एयर एंबुलेंस से हैदराबाद शिफ्ट कराने की बात कही। 79 घंटे बाद सोनू सूद ने हितेश को एयर लिफ्ट भी करा दिया।
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कोरोना संक्रमित हितेश के फेफड़े खराब हो गए हैं। भाई के इलाज के लिए बहन रेखा और रेनू ने मुरादाबाद से नोएडा तक चक्कर लगाए। इस बीच भाई के इलाज का खर्च बढ़ता ही गया। माली हालात बिगड़ने लगी। इलाज के लिए लोगों से मदद की गुहार लगाई। इस दौरान डाक्टरों ने फेफड़े ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी। इसके बाद रेनू ने 11 जुलाई को अभिनेता सोनू सूद को ट्वीट किया। 16 घंटे बाद 12 जुलाई को सोनू सूद ने रेनू के ट्वीट का जवाब दिया। ट्वीट में सोनू ने बताया कि हितेश को एयर लिफ्ट कर हैदराबाद लाने के लिए एयर एंबुलेंस का बंदोबस्त कर दिया गया है। जल्द उसे हैदराबाद ले आएंगे। अपने ट्वीट के 79 घंटे बाद 15 जुलाई को सोनू ने एक और ट्वीट कर हितेश को सही सलामत हैदराबाद एयरलिफ्ट कराए जाने की बात बताई।
घटना क्रम
11 जुलाई को शाम 04 बजे रेनू ने सोनू सूद को ट्वीट किया
12 जुलाई की सुबह 8.14 बजे सोनू ने ट्वीट का जवाब दिया
15 जुलाई को दोपहर 3.17 बजे सोनू सूद ने एयर लिफ्ट पूरा होने की बात ट्वीटर पर शेयर की
हितेश शर्मा पिछले चार महीने से कोरोना संक्रमण से लड़ रहे हैं। संक्रमण से दोनों फेफड़े खराब हो गए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। चार महीने के इस संघर्ष के लिए सोनू सूद ने ट्वीट में हितेश को फाइटर बताया है।
कोरोना की मार से बिखर गया हितेश का परिवार
कोरोना की मार से हितेश शर्मा का परिवार दो महीने में बिखर सा गया। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इससे हितेश का परिवार अभी उभर नहीं पाया है। पहले मां-बाप को गंवाया। अब खुद मौत और जिंदगी के बीच झूल रहे हैं।
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डा. रामस्वरूप कालोनी निवासी सुमन शर्मा के परिवार में अप्रैल से पहले खुशियां ही खुशियां थी। दोनों बेटों और बेटियों की शादी भी कर चुके थे। चारों अपनी गृहस्थी में खुश थे। बड़ी बेटी रेखा और रेनू दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहती हैं। बड़ा बेटा हितेश मुरादाबाद तो छोटा बेटा अंकित गुड़गांव में रहता है।
मां-पिता का हो गया कोरोना से निधन
हितेश दवा कंपनी में सेल्स हेड है। जबकि अंकित गुड़गांव में एक एमएनसी में क्षेत्र प्रबंधक (एएम) हैं। दूसरी लहर में लॉकडाउन होने पर अंकित परिवार के साथ मुरादाबाद आए थे। इस बीच अप्रैल में हितेश की तबीयत बिगड़ गई। जांच कराई तो वह संक्रमित पाए गए। इसके बाद मां-बाप और भाई भी संक्रमित हो गए। इस बीच छह मई को पिता और आठ मई को मां का निधन हो गया। दोनों के शव का अंतिम संस्कार रिश्तेदारों ने कराया। दोनों भाई अंतिम समय में मां-बाप को देख भी नहीं पाए। हितेश अब भी कोरोना से लड़ रहे हैं। दो महीने से परिवार परेशानियों से घिरा हुआ है।
हितेश के छोटे भाई अंकित के दोनों पैर नहीं हैं। कुछ साल पहले अंकित हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हादसे में अंकित ने अपने दोनों पैर गंवा दिए।