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BCCI से दरकिनार होने पर ‘दादा’ का छलका दर्द, बोले- कोई एक दिन में नरेंद्र मोदी या तेंदुलकर नहीं बन जाता

Sourav Ganguly

Sourav Ganguly

कोलकाता। सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की बीसीसीआई के मौजूदा प्रेसिडेंट से विदाई लगभग तय है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गांगुली को एक और कार्यकाल नहीं मिलने जा रहा है। गांगुली की जगह 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी को अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। रोजर बिन्नी ने तो अपना नॉमिनेशन भी फाइल कर दिया था और उनके निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना है।

अब सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। गांगुली का मानना है कि हर कोई किसी एक पद पर हमेशा नहीं रह सकता है। गांगुली का मानना है कि प्रशासक होने की तुलना में क्रिकेट खेलना कठिन है। गांगुली ने कहा कि कोई एक दिन में नरेंद्र मोदी या सचिन तेंदुलकर नहीं बन जाता।’

गांगुली ने बताया, ‘एक क्रिकेटर के रूप में चुनौती बहुत अधिक थी, एक प्रशासक के रूप में आपके पास चीजों को ठीक करने का समय है, लेकिन अगर आपको टेस्ट की पहली सुबह ग्लेन मैक्ग्रा की गेंद पर किनारा दे बैठते हैं तो उसे ठीक करने का समय नहीं होता है। हमेशा के लिए कोई एडमिन या स्पोर्ट्स मैन नहीं हो सकता। हर कोई हमेशा के लिए एक भूमिका में नहीं हो सकत। चाहे वह एक खिलाड़ी के रूप में हो या एक प्रशासक के रूप में।’

गांगुली ने पिछले तीन सालों को बताया बेस्ट

गांगुली ने कहा, ‘मैं कैब, बीसीसीआई का अध्यक्ष रह चुका, लेकिन प्लेयर वाली लाइफ बेहतरीन थी, वो 15 साल काफी यादगार थे। हमें ज्यादा रुपये की जरूरत नहीं है, खुश रहने के लिए कम राशि ही काफी है। एक लीडर के रूप में आपने करियर बनाया। लेकिन एक ही पंक्ति में बहुत सी चीजें हैं। अगर आप भारतीय क्रिकेट में पिछले तीन सालों को देखें तो कई अच्छी चीजें हुई हैं।’

अपने करियर को लेकर कही ये बात

गांगुली ने अपने करियर को लेकर कहा, ‘मैं अतीत में विश्वास नहीं करता हूं, मैं हर बार आगे देखता हूं। मैंने भारत के लिए बहुत सारे मैच खेले हैं और 100 टेस्ट मैच खेलना क्या कम है। आप जानते हैं कि मेरे लिए लॉर्ड्स में डेब्यू करना खुशी की बात रही। मैंने एक ऐसी टीम का नेतृत्व किया, जहां हर कोई कप्तान करने में भी सक्षम था। जैसे सचिन, राहुल और वीवीएस थे लेकिन मुझे कप्तान बनाया गया था।’

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गांगुली याद करते हैं, ‘मैंने श्रीलंका में एक बार रन नहीं बनाए थे। फिर साउथ अफ्रीका सीरीज थी। मैंने जहीर से जूता लिया और बाद में शतक भी बनाया। मैं हर चीज में विश्वास करता हूं, चाहे वह बैट, जूते या टीशर्ट हों। एक समय था जब राहुल द्रविड़ को ड्रॉप किया गया था और मैं उसके पक्ष में खड़ा हो गया।’

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