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सोयाबीन तेल की कीमतों में सुधार, सरसों और मूंगफली के दाम स्थिर

soybean market price

रिफाइंड तेल का मंडी रेट

नई दिल्ली| मलेशिया में 1.5 फीसद की मंदी के बीच शुक्रवार को दिल्ली तेल- तिलहन बाजार में सीपीओ व पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट का रुख रहा, जबकि कल आयात शुल्क मूल्य में बढ़ोतरी किए जाने की उम्मीद से सोयाबीन दिल्ली और इंदौर कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।  बाकी अन्य तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सामान्य कारोबार के बीच सरसों और मूंगफली तेल तिलहन कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं। नाफेड और हाफेड कम भाव पर माल नहीं बेच रहा। आगामी जनवरी फरवरी की मांग में वृद्धि के आसार को देखते हुए सरसों की बिकवाली को रोकना चाहिये क्योंकि नाफेड के पास स्टॉक कम रह गया है।

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उन्होंने कहा कि शुक्रवार को 1-15 दिसंबर के पखवाड़े का नया आयात शुल्क मूल्य अधिसूचित किया जाएगा, जिसमें बाजार भाव के हिसाब से सोयाबीन के शुल्क में अधिक वृद्धि तथा सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य में मामूली वृद्धि होने की उम्मीद की जा रही है। इस उम्मीद के बीच सोयाबीन दिल्ली और इंदौर की कीमतें क्रमश: 10-10 रुपये सुधरकर क्रमश: 11,480 रुपये और 11,260 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुई।

सूत्रों के अनुसार सीपीओ और सोयाबीन डीगम के आयात शुल्क मूल्य को 957 डॉलर से बढ़ाकर 1,050-55 डॉलर किए जाने की संभावना है, जिससे इस तेल की कीमत में लगभग 270 रुपये प्रति क्विन्टल की वृद्धि हो सकती है। मलेशिया एक्सचेंज में मंदी के रुख के बीच तेल संयंत्र पामोलीन तेल की बिक्री का भाव 9,750 रुपये क्विन्टल रख रखा है, जबकि देश में ‘रीसेलर इसे 9,500 रुपये के भाव बेच रहे हैं। शुल्क वृद्धि की संभावना के बावजूद जाड़े की मांग कमजोर पड़ने और बेपड़ता कारोबार के कारण सीपीओ की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।

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