Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

सपा नेता ने कबूली 68 करोड़ रुपए की अघोषित आय, 4 दिन की रेड में हुए बड़े खुलासे

समाजवादी पार्टी के नेताओं के ठिकानों पर की गई छापेमारी में आयकर विभाग को 86 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। 4 दिन तक चली छापेमारी पूरी हो गई है। इसके बाद वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि लखनऊ, मैनपुर, कोलकाता, बेंगलुरु और एनसीआर के 30 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डेटा को भी बरामद किया गया है।

आयकर विभाग ने 18 दिसंबर को उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी। आयकर विभाग ने मऊ में राजीव राय, मैनपुर में मनोज यादव और लखनऊ में जैनेंद्र यादव के घर पर भी सर्च ऑपरेशन चलाया था। इसके अलावा कोलकाता के एक एंट्री ऑपरेटर के घर पर भी छापा मारा गया था।

अधिकारियों ने बताया कि कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में शामिल कंपनियों में करोड़ों रुपयों के कई फर्जी खर्च की जानकारी मिली है। इनके पास से खाली बिल बुक, स्टांप, साइन किए चेक समेत कई दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया है।

बयान के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर्स के पास 86 करोड़ रुपये की अघोषित आय की जानकारी मिली है, जिसमें से 68 करोड़ रुपये की बात मालिक ने मानी भी है और इस पर उसने टैक्स देने की बात कही है। कुछ ही सालों में इस कंपनी का टर्नओवर 150 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन ये कैसे हुआ, इस बारे में मालिक की ओर से कोई भी सबूत पेश नहीं किए जा सके।

आयकर विभाग को सर्च ऑपरेशन के दौरान शेल कंपनियों के जरिए 12 करोड़ रुपये के अघोषित निवेश की जानकारी मिली है। इसके अलावा दूसरे मामले में भी 11 करोड़ रुपये के निवेश का पता चला है और बेनामी संपत्ति में 3.5 करोड़ रुपये के निवेश के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

वहीं कोलकाता में एक एंट्री ऑपरेटर के यहां की गई छापेमारी में पता चला है कि उसने इन लोगों की मदद के लिए कई शेल कंपनियां बना रखी थीं। अधिकारियों के मुताबिक, इन कंपनियों 408 करोड़ रुपये के फर्जी शेयर की एंट्री थी और इन कंपनियों के जरिए 154 करोड़ रुपये का फर्जी लोन भी दिया गया था। बयान में बताया गया है कि एंट्री ऑपरेटर ने इस पूरे खेल में शामिल होने की बात मानी है, साथ ही उसने कमीशन से 5 करोड़ रुपये की कमाई होने की बात भी कबूल की है।

सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजीव राय का बेंगलुरु में मेडिकल कॉलेज है। यहां भी आयकर विभाग ने छापा मारा था। उनके मऊ स्थित घर पर भी विभाग ने तलाशी ली थी। उन्होंने इस छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताया था।

Exit mobile version