भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शुक्रवार को घोषणा की कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अब भी काम कर रहा है और खास बात ये है कि इससे लगातार देश को कई महत्वपूर्ण डेटा मिल रहे हैं।
इसरो ने दो दिन पहले चंद्र विज्ञान पर अपनी वैज्ञानिक चर्चा की शुरुआत की। ‘चंद्र विज्ञान कार्यशाला और चंद्रयान -2 डेटा का विमोचन’ शीर्षक से आयोजित इस कार्यशाला का आयोजन देश के लोगों, भारतीय शिक्षाविदों, संस्थानों, छात्रों एवं सभी विषयों तथा जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए आयोजित किया गया था।
छोटा लद्दाख माने जाने वाले लाहुल स्पीति जाने वाले सैलानियों को अब देना होगा कर
चंद्रयान-2 के दो साल पूरा करने के उपलक्ष्य में इस हफ्ते चंद्र विज्ञान कार्यशाला 2021 का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर इसरो अध्यक्ष के श्री सिवन ने चंद्रयान-2 के आंकड़े और विज्ञान दस्तावेजों को जारी किया।
साथ ही उन्होंने चंद्रयान-2 के कक्ष पेलोड का डेटा भी जारी किया। सिवन अंतरिक्ष विभाग में सचिव भी हैं। उनके बयान के अनुसार, चंद्रयान-2 के आठ पेलोड चंद्रमा पर सुदूर संवेदी और अवस्थिति प्रौद्योगिकी के माध्यम से वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं।
इसरो के मुताबिक ऑर्बिटर में आठ उपकरण लगे हैं। अलग-अलग तरीकों के जरिए ये उपकरण कुछ बड़े कामों को पूरा करने में लगे हैं। चंद्रमा की सतह पर क्या है इसकी जानकारी मिल रही है। इसकी सतह में कौन-कौन से खनिज मौजूद हैं इस मौजूदगी का आकलन किया जा रहा है। साथ ही चांद की डिटेल मैपिंग भी की जा रही है।